World Alzheimer’s Day 2024: याददाश्त कमजोर होना सामान्य नहीं, आप अल्जाइमर के शिकार हो सकते हैं, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
World Alzheimer’s Day 2024: आज के समय में हमारी खराब जीवनशैली, बिगड़ते खान-पान और बढ़ते तनाव के कारण न केवल वृद्ध लोग बल्कि युवा भी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक तनाव का सबसे ज्यादा असर हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है। मस्तिष्क हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर को नियंत्रित करता है। हमारा शरीर उसी तरह कार्य करता है, जैसा मस्तिष्क चाहता है। लेकिन जब मस्तिष्क ठीक से काम करना बंद कर देता है, सोचना-समझना और याद रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। उम्र के साथ स्मृति कमजोर होना सामान्य है, लेकिन अगर बच्चे और युवा भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो वे अल्जाइमर का शिकार हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि अल्जाइमर क्या है और इस बीमारी से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय अपनाए जा सकते हैं।
अल्जाइमर क्या है?
अल्जाइमर एक गंभीर मानसिक रोग है जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं और याददाश्त कमजोर हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी याद रखने में कठिनाई होती है। यह एक प्रकार का डिमेंशिया है, जिसमें व्यक्ति की सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है। विश्व भर में अल्जाइमर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और भारत इस सूची में तीसरे स्थान पर है। इसी कारण हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके।
अल्जाइमर के लक्षण क्या हैं?
अल्जाइमर के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। इस बीमारी के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:
- समय और स्थान को लेकर भ्रमित होना: अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर समय और स्थान को लेकर भ्रम हो जाता है। उन्हें यह याद नहीं रहता कि वे कहां हैं या किस समय पर हैं।
- दैनिक जीवन की कई चीजों को भूलना: अल्जाइमर के मरीज अपनी दिनचर्या की महत्वपूर्ण चीजों को भूलने लगते हैं। जैसे कि फोन नंबर, पते, नाम, यहां तक कि घर के रास्ते को भी भूल जाना आम बात हो जाती है।
- सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाना: इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति धीरे-धीरे सामाजिक गतिविधियों से दूर होने लगता है। वह दोस्तों और परिवार से मिलना-जुलना कम कर देता है और अकेलापन महसूस करता है।
- परिवार के सदस्यों को पहचानने में कठिनाई: अल्जाइमर की उन्नत अवस्था में मरीज अपने परिवार के सदस्यों को भी पहचानने में कठिनाई महसूस करने लगता है।
- गुस्सा, चिड़चिड़ापन और छोटी-छोटी बातें भूलना: रोगी का व्यवहार अक्सर चिड़चिड़ा और गुस्से वाला हो जाता है। साथ ही वह छोटी-छोटी बातों को तुरंत भूल जाता है।
अल्जाइमर से कैसे बचा जा सकता है?
अल्जाइमर का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपायों को अपनाकर इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है और इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। निम्नलिखित उपाय अपनाकर आप अल्जाइमर से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:
- मानसिक रूप से स्वस्थ रहें: यह आवश्यक है कि आप मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। मानसिक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक सोच का होना बहुत महत्वपूर्ण है। अपने दिमाग को नकारात्मक विचारों से दूर रखें और हमेशा अपने मन को प्रसन्न रखें। सकारात्मक विचार मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हैं।
- अपनी पसंदीदा गतिविधियों पर ध्यान दें: मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए आपको अपनी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना चाहिए। जैसे संगीत सुनना, गाना गाना, खाना बनाना, बागवानी करना, खेलकूद आदि गतिविधियां आपके दिमाग को सक्रिय रखती हैं और अल्जाइमर के खतरे से बचाती हैं।
- योग और ध्यान करें: योग और ध्यान मानसिक शांति प्रदान करने वाले बेहतरीन उपाय हैं। ध्यान करने से मस्तिष्क शांत रहता है और आपकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। रोजाना 15-20 मिनट का ध्यान आपके मस्तिष्क को आराम और शक्ति प्रदान कर सकता है।
- संतुलित आहार लें: एक अच्छा और संतुलित आहार मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करें जो आपकी याददाश्त बढ़ाने में मदद करें। विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स, मछली और साबुत अनाज मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते हैं।
- तनाव से बचें: अत्यधिक तनाव अल्जाइमर के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए, अपने जीवन में तनाव को नियंत्रित करने के तरीके अपनाएं। जब भी आप तनाव महसूस करें, तो गहरी सांस लें, योग करें और अपने दिमाग को शांत करने का प्रयास करें।
- सक्रिय रहें: शारीरिक गतिविधियां मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नियमित व्यायाम से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे दिमाग के कार्य करने की क्षमता बेहतर होती है। रोजाना व्यायाम करने से न केवल आपका शरीर बल्कि आपका मस्तिष्क भी सक्रिय और स्वस्थ रहेगा।
- नींद पूरी करें: पर्याप्त नींद मस्तिष्क के लिए बहुत आवश्यक है। हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। नींद से मस्तिष्क को आराम मिलता है और यह दिन भर की थकान को दूर करता है। अच्छी नींद से मस्तिष्क में नए विचार आते हैं और याददाश्त भी तेज होती है।