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Punjab: ‘कंगना का बयान किसानों का अपमान’, AAP का भाजपा पर हमला, कहा- समाज में तनाव बढ़ा रही है BJP

Punjab: आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब ने भाजपा सांसद कंगना रनौत के 2020 के कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की बात पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी का कहना है कि भाजपा जानबूझकर अपने सांसदों को उत्तेजक बयानों के लिए प्रेरित कर रही है ताकि समाज में तनाव पैदा किया जा सके।

कंगना का विवादास्पद बयान

कंगना रनौत ने हाल ही में एक बयान में कहा कि कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की आवश्यकता है, जो कि उनके पहले के बयानों से बिल्कुल विपरीत है जब उन्होंने किसानों की मांगों के सामने झुककर उन कानूनों को वापस लिया था। AAP के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने इस बयान को करोड़ों किसानों का अपमान बताते हुए कहा कि यह उन 750 किसानों के प्रति भी एक अपमान है जो किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं।

Punjab: 'कंगना का बयान किसानों का अपमान', AAP का भाजपा पर हमला, कहा- समाज में तनाव बढ़ा रही है BJP

पीएम मोदी का जवाब देने का समय

कंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि उन्हें इस मामले में उत्तर देना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि आप किसानों के साथ हैं, तो कंगना के खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। आप ने सभी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने में किसानों से माफी मांगी थी।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने कहा था कि यह कानून बनाने में गलती हुई, तो फिर भाजपा के सांसद इस पर विपरीत बयान क्यों दे रहे हैं।

किसानों के प्रति कंगना की बेइज्जती

मलविंदर कंग ने कहा कि कंगना रनौत उन 750 किसानों का मजाक उड़ा रही हैं, जिन्होंने किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाई। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री इस मामले में चुप क्यों हैं? उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा और AAP किस तरफ हैं?”

भाजपा पर आरोप

कंग ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अपने सांसदों का उपयोग समाज में नफरत फैलाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा को तुरंत कंगना के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, अन्यथा यह स्पष्ट होगा कि कंगना रनौत को पूर्व निर्धारित बयानों को देने के लिए मजबूर किया जा रहा है ताकि समाज में विभाजन पैदा हो सके।”

AAP के इस तीखे हमले ने पंजाब में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा की नीतियों पर उठ रहे सवालों के बीच, कंगना का यह बयान भाजपा की नीतियों को और भी विवादास्पद बना देता है।

किसानों की दुर्दशा

किसानों की स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि देश के करोड़ों किसान आज भी कृषि कानूनों के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे हैं। पिछले वर्ष के दौरान, किसानों ने लंबे समय तक प्रदर्शन किया, और अंततः सरकार ने कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया। लेकिन अब कंगना के बयान से किसानों में फिर से असुरक्षा और चिंता की भावना उत्पन्न हो गई है।

कंगना के बयान का राजनीतिक महत्व

कंगना के बयान का राजनीतिक महत्व भी काफी है। यह केवल उनके व्यक्तिगत विचार नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐसे समय में आ रहा है जब चुनावी राजनीति भी गर्म हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने इस तरह के बयानों के जरिए समाज में विभाजन की रणनीति अपनाई है, जो कि चुनावों में उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

AAP की प्रतिक्रिया के अलावा, अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर भाजपा पर हमलावर हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल भी किसानों के प्रति कंगना के इस अपमानजनक बयान पर अपनी आवाज उठा सकते हैं। इससे भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासकर पंजाब जैसे राज्यों में जहां किसान आंदोलन ने महत्वपूर्ण राजनीतिक आयाम लिया है।

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