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Surgical Strike: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर लिया बदला

Surgical Strike: भारत ने अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के कुप्रवृत्तियों के कारण कई बार हानि उठाई है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी निरंतर भारत में घुसपैठ की कोशिशें करते रहे हैं और आतंकवादी हमलों की साजिशें रचते रहे हैं। ऐसी ही एक कायराना हरकत 18 सितंबर 2016 को हुई थी, जब आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी में सो रहे भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया। इस हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे। लेकिन इसके बाद जो भारतीय सेना ने किया, वह पाकिस्तान और उसके आतंकियों के लिए एक ऐतिहासिक सबक बन गया। उरी हमले के ठीक 10 दिन बाद, भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों से बदला लिया।

उरी में हुआ आतंकवादी हमला

18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित भारतीय सेना के एक शिविर पर 4 आतंकवादी घुस आए। यह हमला सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले किया गया, जब अधिकांश सैनिक सो रहे थे। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जो पाकिस्तान से सीमा पार कर भारत में घुसे थे। उन्होंने शिविर में घुसते ही अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी और सो रहे सैनिकों के टेंट में आग लगा दी। यह हमला पूरी तरह से घात लगाकर किया गया था, जिसके कारण सैनिकों को संभलने का मौका भी नहीं मिला। इस हमले में 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए, लेकिन वहां तैनात विशेष बलों ने तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए चारों आतंकवादियों को मार गिराया।

Surgical Strike: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर लिया बदला

देशभर में गुस्सा और प्रतिशोध की मांग

उरी हमले की खबर से पूरा देश हिल गया था। शहीद सैनिकों की शहादत ने हर भारतीय के दिल को झकझोर कर रख दिया था। पूरे देश में आक्रोश की लहर थी और लोग सरकार से मांग कर रहे थे कि आतंकियों और उनके समर्थकों को कड़ा सबक सिखाया जाए। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा और अपने प्रायोजित आतंकवादियों के समर्थन में खड़ा रहा।

सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी

सरकार की ओर से इस हमले पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन पर्दे के पीछे भारत ने अपने जवाबी कार्रवाई की पूरी योजना तैयार कर ली थी। उरी हमले का बदला लेने के लिए एक गुप्त ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की गई। इस विशेष ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों की पहचान की गई और हमले की योजना बनाई गई।

28 सितंबर 2016 की रात, भारतीय सेना की पैरा कमांडो टीम चुपके से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में दाखिल हो गई। वे करीब 3 किलोमीटर अंदर तक गए और आतंकवादी ठिकानों पर हमला शुरू किया। इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य यह था कि बिना पाकिस्तान की सेना को जानकारी दिए, आतंकवादियों के ठिकानों को तबाह किया जाए।

सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकवादियों का खात्मा

भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में पूरी सतर्कता और सूझबूझ के साथ काम किया। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान की सीमा में दाखिल होते ही PoK में मौजूद सभी आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन के दौरान 50 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया। आतंकवादियों के साथ-साथ उनके कई लॉन्च पैड भी नष्ट कर दिए गए।

जब तक पाकिस्तान को इस ऑपरेशन की भनक लगी, भारतीय सेना अपना काम पूरा कर चुकी थी और सुरक्षित वापस लौट चुकी थी। पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमानों को सीमा पर भेजा, लेकिन तब तक भारतीय कमांडो अपनी मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत लौट चुके थे।

सर्जिकल स्ट्राइक का ऐलान

इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के बाद, 29 सितंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी देश को दी। यह पहली बार था जब भारत ने इतनी स्पष्ट और सटीक प्रतिक्रिया दी, जिसमें दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर उसे उसकी ही जमीन पर सबक सिखाया गया। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई और इसे एक बड़ी कूटनीतिक और सैन्य जीत के रूप में देखा गया।

सर्जिकल स्ट्राइक की अहमियत

सर्जिकल स्ट्राइक न केवल भारतीय सेना की बहादुरी और रणनीतिक क्षमता को दर्शाती है, बल्कि यह पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकवादियों के लिए एक कड़ा संदेश भी थी। यह ऑपरेशन साबित करता है कि भारत अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेना जानता है और आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम करने में सक्षम है।

भारत की इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा। सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान के उस झूठे प्रचार को भी बेनकाब किया, जिसमें वह आतंकवाद को बढ़ावा देने से इनकार करता रहा है।

ऑपरेशन का परिणाम

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने इसे नकारने की कोशिश की, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव और सबूतों के चलते उसकी पोल खुल गई। भारतीय सेना ने ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। इस कार्रवाई से आतंकवादियों के मनोबल पर भी असर पड़ा और उनके कैंपों में हड़कंप मच गया।

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