हरियाणा

गुरुग्राम सीट से BJP प्रत्याशी मुकेश शर्मा की शिक्षा मामले में चुनाव आयोग को हलफनामे में गलत जानकारी देने पर विपक्षियों ने उठाए सवाल।

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:

हरियाणा की सबसे हॉट सीट बनी गुरुग्राम विधानसभा पर जहां कांग्रेस, बीजेपी व आम आदमी पार्टी में टिकट वितरण को लेकर बवाल मच रहा था, जिनमें जीएल शर्मा, पंकज डाबर माइकल सैनी,नवीन गोयल, सुखबीर कटारिया कुलदीप कटारिया, मुकेश शर्मा, मुकेश डागर, सहित अन्य काफी नेता आप अपनी पार्टियों से नाराज हो कर इधर-उधर चले गए, वही अब बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश शर्मा की शैक्षणिक योग्यता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं जिसके चलते, गुरुग्राम राजनिति में भूचाल आया हुआ है।
मुकेश शर्मा द्वारा नामांकन प्रक्रिया में दी जाने वाली जानकारी को लेकर गुरुग्राम सीट पर घमासान मचा दिया है।उन पर आरोप लगे हैं? कि उन्होने नामांकन मे शैक्षणिक योग्यता की गलत जानकारी दी है? जबकि एक उम्मीदवार के लिए नामांकन दाखिल प्रक्रिया सबसे कठिन होती है । जहां प्रत्याशी को कड़े नियमों का सामना करना पड़ता है और उनका पालन करना अनिवार्य है। उम्मीदवार को प्रशासन के कड़े नियमों,प्रकिया के बीच से गुजरते हुए उसे चुनावी पारदर्शिता मे घोषणा करनी पड़ती है । नामांकन पर्चा दाखिल करते समय यू समझ लो अग्नि परीक्षा पास करनी पड़ती हो जैसा माहौल होता है।

चुनाव आयोग को, प्रत्याशी द्वारा अपने बारे में एक-एक जानकारी जैसे ,शैक्षणिक ,आर्थिक और कानूनी जानकारी समेत अनेक सूचनाए देनी पड़ती हैं परंतु कुछ नेता खुद को इतने पावरफुल समझते हैं? की टिकट लाने की खुशी में वह इतने बौखला जाते हैं ? कि बड़ी-बड़ी गलतियां कर जाते हैं? वो भूल जाते हैं कि उस जानकारी को चुनाव आयोग my neta.in पर अपलोड कर सार्वजनिक करता है। जहां से कोई भी व्यक्ति अपने चुनावी प्रत्याशी के बारे में पूरी जानकारी ले सकता है और उसके बारे में पढ़ सकता है। गुरुग्राम से बीजेपी के प्रत्याशी मुकेश शर्मा की एजुकेशन की जानकारी इसी वेबसाइट से निकाली गई,जिसकी हकीकत जानकर सभी को हैरानी हो रही है सभी अचंभित है।
जहां चुनावी टिकट पाने की होड़ में नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने जुगत से बाज नहीं आते चुनाव की गहमी, टिकट मिलने की खुशी, चुनाव आयोग को चकमा देने से भी नही चूकते? विधायक का ख्वाब देखने वाले कुछ उम्मीदवार ऐसी बड़ी-बड़ी गलतियां कर बैठते हैं कि, उनकी चुनाव लड़ने की प्रक्रिया अधर में लटक जाती है? उनकी उम्मीदवारी पर भी खतरा मंडराने लगता है? और उनकी उम्मीद पर पानी फिर जाता है? ऐसा ही दृश्य गुरुग्राम से सामने आया है ,जहां प्रदेश की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली गुरुग्राम विधानसभा से बीजेपी के उम्मीदवार मुकेश शर्मा की उम्मीदवारी पर खतरा मंडराने के आसार नजर आ रहे हैं?

वैसे तो चुनाव आयोग चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बरतता हैं घोषणा करता है । उम्मीदवार को प्रशासन के द्वारा बनाए चुनावी नियमों से गुजरना पड़ता है । नामांकन पर्चा दाखिल करना पड़ता है और इस प्रक्रिया में सभी उम्मीदवार को कड़े नियमों के ब्रिज को पार करना पड़ता है। यू समझ लो उम्मीदवारों की अग्नि परीक्षा होती है, जिसमे प्रत्याशी को अपने बारे में एक-एक बात चुनाव आयोग को बतानी पड़ती है । चाहे शैक्षणिक योग्यता की बात हो चाहे आर्थिक व्यापार बिजनेस की बात हो , या फिर कानूनी जानकारी की बात हो । अनेक सूचनाए देनी होती हैं। परंतु पावरफुल भाजपा के उम्मीदवार घमंड में चकनाचूर और बौखलाहट से भरपूर टिकट लाने की खुशी में इतने बौखला जाते हैं कि शायद वही गलती कर बैठते हैं । या प्रशासन को धोखा दिया जाता है ? Myneta.in पर चुनावी उम्मीदवारों से संबंधित जानकारियां इलेक्शन कमीशन उपलोड की जाती है। इस वेबसाइट के अनुसार मुकेश शर्मा के द्वारा 2014 में बादशाहपुर विधानसभा से चुनाव के समय की दी गई जानकारी के अनुसार 2003 में नेशनल ओपन स्कूल दिल्ली से 12वीं की परीक्षा पास बताई गई? और अब ,वही 2024 में गुरुग्राम विधानसभा से भाजपा चुनाव में नामांकन के दौरान भाजपा उम्मीदवार मुकेश शर्मा के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नेशनल ओपन स्कूल दिल्ली से 12वीं की परीक्षा पास 2010 में बताई गई है? अब सवाल यह खड़ा होता है कि बीजेपी उम्मीदवार ने 12वीं की कक्षा दो बार पास किस नियम से की?

12वीं की यह परीक्षा किस नियम के तहत दो बार पास की गई है? अब भाजपा उम्मीदवार से सवाल पूछते हैं कि आपने चुनाव आयोग को जानकारी 2014 में गलत दी थी,? या फिर आप 2024 में गलत जानकारी देकर चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंक रहे हैं ? क्या इसकी निपक्ष जांच होगी ? अब चुनाव आयोग पर यह सवाल खड़ा होता है कि क्या इसकी निष्पक्ष जांच होगी? क्या चुनाव आयोग इस पर संज्ञान लेकर, मुकेश शर्मा का नामांकन रद्द करेगा ? क्या मुकेश शर्मा पर कानूनी कार्रवाई होगी? चुनाव आयोग को गुमराह किया गया? या चुनाव आयोग के कर्मचारी जानकर मुकेश शर्मा भाजपा प्रत्याशी होने के कारण अनजान बने रह गए? विपक्षी पार्टियां भी अब खुलकर मैदान में आ गई है और इस पर निपक्ष जांच की मांग कर रही है?

विपक्ष कह रहा है कि कोई प्रत्याशी दो-दो बार 12वीं पास किस नियम के तहत कर सकता है? वह भी अलग-अलग सालों में भाजपा प्रत्याशी का राजनीतिक कैरियर दाव पर लग गया है और उसका नामांकन रद्द भी हो सकता है? साथ ही उस पर जानकारी ठीक से मोहिया ना कराने या चुनाव आयोग को गुमराह करने जैसे आरोपों में उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है। जिसकी चर्चाएं गुरुग्राम सीट के अधिकतर गली मोहल्ले सोसाइटी में चल रही है, वहीं मीडिया की भी सुर्खियां बन रही है, हालांकि भाजपा प्रत्याशी के अधिवक्ता की तरफ से कहा गया है कि यह गलत टाइपिंग एरर है। लेकिन विपक्षियों को तो बोलने का मौका मिल गया। वहीं कई अन्य प्रत्याशी के तो सुर्खियों में नहीं आए काफी मामले प्रदेश सरकार की फाइलों में दबे पड़े हैं। जिनके बारे में दबी जबान में गुरुग्राम वासी कई दफा मीडिया
के सामने भी बोल चुके हैं।

क्या कहते हैं कानून के जानकार

वहीं कानून के जानकारी इस बारे में बताते हैं कि हमारे देश में विधायक और सांसदों की योग्यता के मामले में कोई पढ़ाई लिखाई की जरूरत नहीं है इसके बारे में कोई कानून नहीं बना हुआ है, केवल ग्राम पंचायत के सरपंच के बारे में योग्यता बताई गई है। इसी तरह के कई मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुके हैं। वहीं गुरुग्राम का एक ताजा मामला आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंदर धींगरा बनाम नरवीर सिंह का भी इसी से मिलता जुलता मामला था, जिसमें हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में लिखा है कि हमारे देश में विधायक और सांसदों की कोई क्राइटेरिया योग्यता नहीं बनाया हुआ है। विपक्षी चाहे कुछ भी मामला उठाए मगर इस मामले में कुछ भी कानूनी कार्रवाई होनी असंभव नजर आ रही है।

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