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Reshuffle in Parliamentary Committees: जया बच्चन आईटी समिति से बाहर, सकेत गोखले ने ली जगह

Reshuffle in Parliamentary Committees: संसद में विभिन्न समितियों के सदस्यों में फेरबदल किया गया है, जिसके तहत समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति से इस्तीफा दे दिया है। जया बच्चन को एक अन्य संसदीय समिति में शामिल किया गया है। आईटी समिति की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे करते हैं।

राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन के अनुसार, जया बच्चन को अब श्रम, वस्त्र और कौशल विकास से संबंधित संसदीय स्थायी समिति में शामिल किया गया है। इस समिति की अध्यक्षता कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई कर रहे हैं। इसके साथ ही, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सकेत गोखले, जो श्रम संबंधी समिति के सदस्य थे, अब जया बच्चन की जगह सूचना प्रौद्योगिकी समिति में शामिल होंगे।

Reshuffle in Parliamentary Committees:  जया बच्चन आईटी समिति से बाहर, सकेत गोखले ने ली जगह

जया बच्चन का नई भूमिका में योगदान

जया बच्चन ने आईटी समिति में रहते हुए विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की और तकनीकी विषयों पर अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए जानी गईं। हालांकि, अब उनका ध्यान श्रम, वस्त्र और कौशल विकास से जुड़े मामलों पर होगा। श्रम और कौशल विकास के मुद्दों में समाज और युवाओं के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता होती है, और इस नए पद पर जया बच्चन की भागीदारी से उम्मीद है कि वह अपने अनुभव और ज्ञान से इस क्षेत्र में सकारात्मक योगदान देंगी।

यह समिति श्रम क्षेत्र में सुधार, कौशल विकास की योजनाओं की निगरानी और वस्त्र उद्योग के विकास से जुड़े मुद्दों पर काम करती है। जया बच्चन के अनुभव और उनके सामाजिक सरोकारों को देखते हुए, उनके इस नई भूमिका में महत्वपूर्ण योगदान देने की संभावना है।

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सकेत गोखले की आईटी समिति में भूमिका

तृणमूल कांग्रेस के सकेत गोखले, जो पहले श्रम समिति के सदस्य थे, अब सूचना प्रौद्योगिकी समिति में शामिल हो गए हैं। सकेत गोखले एक युवा और सक्रिय राजनेता हैं, जो अपने बेबाक विचारों और समाज में पारदर्शिता के लिए जाने जाते हैं। आईटी समिति में उनकी नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि वे डिजिटल भारत के विकास और देश के आईटी क्षेत्र के मुद्दों पर सार्थक बहस करेंगे।

आईटी समिति में डिजिटल नीति, साइबर सुरक्षा, और इंटरनेट शासन जैसे मुद्दों पर काम होता है। भारत में तेजी से बढ़ती डिजिटल क्रांति और तकनीकी बदलावों को देखते हुए, इस समिति की जिम्मेदारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। सकेत गोखले के शामिल होने से इस समिति में नई ऊर्जा और दृष्टिकोण की उम्मीद की जा सकती है।

अन्य महत्वपूर्ण फेरबदल

इसके अलावा, अन्य संसदीय समितियों में भी फेरबदल किए गए हैं। सीपीआई(एम) के राज्यसभा सदस्य एए रहीम और आर गिरिराजन, जो पहले शशि थरूर की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की संसदीय समिति के सदस्य थे, उन्हें अब आवास और शहरी मामलों की समिति में शामिल किया गया है। यह समिति देश में आवासीय योजनाओं और शहरी विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्य करती है।

साथ ही, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जनता दल यूनाइटेड के सदस्य संजय कुमार झा और बीजेपी के धैर्यशील पाटिल को जल संसाधन विभाग की संसदीय स्थायी समिति का सदस्य नामित किया है। संजय कुमार झा परिवहन, पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी संसदीय समिति के भी अध्यक्ष हैं, जो देश के परिवहन और पर्यटन क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाती है।

समितियों में फेरबदल का महत्व

संसदीय समितियों में फेरबदल एक नियमित प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से संसद विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता और समर्पण को संतुलित करती है। यह समितियाँ संसद की महत्वपूर्ण संस्थाएँ होती हैं, जो नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाती हैं।

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प्रत्येक समिति में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्य होते हैं, जो संबंधित क्षेत्रों में सरकार की नीतियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श करते हैं। यह समितियाँ संसद और जनता के बीच एक सेतु का काम करती हैं, जहां विशेषज्ञता और विचार-विमर्श के माध्यम से देश की दिशा तय की जाती है।

इस प्रकार के फेरबदल से समितियों में नए विचार और दृष्टिकोण लाने की कोशिश की जाती है, जिससे नीतिगत मामलों में प्रगति हो सके। जया बच्चन, सकेत गोखले और अन्य सांसदों की नई समितियों में नियुक्तियाँ इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की गति को बढ़ावा मिलेगा।

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