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Delhi News: MCD की बड़ी कार्रवाई, 84 फैक्ट्रियों को किया सील, सात की बिजली सप्लाई बंद

Delhi News: दिल्ली नगर निगम (MCD) ने नियमों का उल्लंघन करने वाली 84 फैक्ट्रियों को सील कर दिया और सात फैक्ट्रियों की बिजली सप्लाई बंद कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई औद्योगिक प्रदूषण को रोकने और गैर-व्यावसायिक क्षेत्रों में अवैध उद्योगों को नियंत्रित करने के लिए की गई है।

MCD ने की 520 औद्योगिक इकाइयों की जांच

सितंबर में MCD ने गैर-व्यावसायिक क्षेत्रों में स्थित 520 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया। जिन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से अधिक भूखंडों का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है, उन्हें जोनिंग नियमों के तहत देखा गया। इनमें से 84 इकाइयों को नियमों के उल्लंघन के कारण सील कर दिया गया। दिल्ली में 27 गैर-अनुरूप या गैर-योजना अनुसार औद्योगिक क्षेत्र हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई अभी भी जारी है। इस कार्रवाई में विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रिठाला क्षेत्र पर ध्यान दिया जा रहा है।

ऐसी उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी

यमुना नदी के प्रदूषण स्तर में इन उद्योगों के योगदान पर चर्चा करते हुए बताया गया कि ये प्रदूषणकारी उद्योग, चाहे वे यमुना के आसपास हों या न हों, यमुना नदी के प्रदूषण में योगदान देते हैं। MCD ऐसे सभी उद्योगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है। यमुना के किनारे होने से इन उद्योगों के प्रदूषणकारी होने का सीधा संबंध नहीं है, बल्कि उनका प्रदूषण कहीं भी हो सकता है, जिससे यमुना नदी प्रभावित होती है।

Delhi News: MCD की बड़ी कार्रवाई, 84 फैक्ट्रियों को किया सील, सात की बिजली सप्लाई बंद

दिल्ली में कितने मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्र हैं?

इन प्रयासों के बावजूद, फैक्ट्रियों से निकलने वाला बिना शोधन किया हुआ कचरा और सीवेज यमुना नदी के पानी को दूषित कर रहा है। नदी में जहरीली झाग और गंभीर प्रदूषण के कारण बढ़ती चिंताएं हैं। श्रम आयुक्त की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में 24 मान्यता प्राप्त औद्योगिक क्षेत्र हैं। राजधानी में 35 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट दिल्ली जल बोर्ड की निगरानी में चल रहे हैं।

कोचिंग सेंटरों की सीलिंग पर बैठक आयोजित

महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय ने मुखर्जी नगर क्षेत्र में कोचिंग सेंटरों की सीलिंग के मुद्दों पर एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर चल रहे कोचिंग सेंटरों के सीलिंग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

अतिरिक्त आयुक्त (इंजीनियरिंग) जितेंद्र यादव ने बताया कि राजेंद्र नगर की घटना के बाद अदालत ने छात्रों की सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने निर्देश दिया है कि जब तक सभी इमारतें नियमों और अग्नि सुरक्षा मानदंडों का सख्ती से पालन नहीं करतीं, तब तक ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर पर कोचिंग सेंटरों की अनुमति नहीं दी जाएगी।

महापौर ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दिल्ली अग्निशमन सेवा और MCD के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बैठक का उद्देश्य छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और कोचिंग सेंटरों के संचालन की समस्याओं का समाधान खोजना होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और कोचिंग सेंटर संचालकों के लिए एक संतुलित समाधान की दिशा में काम किया जाएगा।

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