Lawrence Bishnoi gang कैसे भर्ती करता है लड़कों को? युवा लड़के बन रहे हैं शिकार
Lawrence Bishnoi gang: एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा में हत्या के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम फिर से चर्चा में आ गया है। इस बीच, यह जानकारी सामने आई है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग किस तरह से युवाओं को अपनी गैंग में शामिल करता है और कैसे गरीब घरों के लड़के इस अपराधी दुनिया में फंस जाते हैं।
भर्ती का तरीका
लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में भर्ती का एक खास तरीका है। दरअसल, जब भी लॉरेंस बिश्नोई को कोर्ट या जेल ले जाया जाता है, तब उसके गुर्गे (जो जेल के बाहर होते हैं) उसकी वीडियो बनाते हैं। इन वीडियोज़ में लॉरेंस कभी अपनी मूंछें ताव देता है तो कभी कैमरे की तरफ देखकर मुस्कराता है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलाए जाते हैं और इनका असर खासकर गरीब और वंचित तबके के युवाओं पर गहरा होता है।
लॉरेंस बिश्नोई के इस प्रभावी सोशल मीडिया प्रचार से युवा लड़के प्रभावित होते हैं और लॉरेंस जैसा बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगते हैं। ये लड़के सोशल मीडिया के जरिए लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आते हैं और इन्हीं के माध्यम से लॉरेंस उन्हें अपराध की दुनिया में धकेलता है। गैंग में शामिल होने वाले युवाओं को खतरनाक काम जैसे कि हत्या करना, धमकी देना, और अपराध की अन्य गतिविधियों में लगाया जाता है।
मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में शामिल शूटर थे नाबालिग
एक बड़ी चिंता की बात यह है कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में जिन शूटरों ने गोलियां चलाईं, वे सभी नाबालिग थे। ये युवा लड़के बड़े गैंग के प्रभाव में आकर अपराध की दुनिया में शामिल हो जाते हैं। कई बार तो स्थानीय अपराधी भी लॉरेंस और उसके भाई अनमोल बिश्नोई का नाम लेकर धमकी भरे वीडियो बनाते हैं ताकि वे अपने इलाके में दहशत फैला सकें और अपनी पकड़ मजबूत कर सकें।
वीडियो के जरिए धमकी
2023 में हरियाणा के एक गायक को भेजा गया एक धमकी भरा वीडियो इस प्रक्रिया का उदाहरण है। इस वीडियो में एक व्यक्ति पिस्तौल में कारतूस भरते हुए दिखाई दे रहा था और गायक को धमकी दे रहा था। जांच में पता चला कि धमकी देने वाले लोग स्थानीय लड़के थे, जिन्होंने अनमोल बिश्नोई का नाम इस्तेमाल किया था। बाद में इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
बाबा सिद्दीकी हत्या का मकसद: आतंक और संदेश देना
हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का मुख्य उद्देश्य मुंबई और बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को आतंकित करना था। इसके अलावा, इस हत्या के पीछे का एक और मकसद मुंबई के अंडरवर्ल्ड और डॉन दाऊद इब्राहिम को संदेश देना भी था। पुलिस की जांच में दाऊद कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है और इस संबंध में जांच जारी है।
हत्या से पहले 28 दिनों में 5 बार रेकी
मुंबई पुलिस की जांच से यह भी पता चला है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से पहले, शूटरों ने 28 दिनों के अंदर 5 बार बाबा सिद्दीकी के घर और ऑफिस की रेकी की थी। वे कई घंटों तक उनके घर और ऑफिस के आसपास रुकते और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखते थे। रेकी के बाद, उन्होंने हत्या के लिए दशहरा का दिन चुना। इस पूरी योजना को ज़ीशान अख्तर नामक आरोपी ने अंजाम दिया, जो हत्या के समय मुंबई से बाहर था। ज़ीशान मुंबई से बाहर रहते हुए पूरी योजना को संचालित कर रहा था और शूटरों को निर्देश दे रहा था।
शूटर्स को मुंबई लाने की साजिश
मुंबई पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि शूटरों को पुणे से मुंबई लाने की साजिश में शुबम के भाई प्रवीण ने मदद की थी। प्रवीण ने शूटर्स को पुणे से मुंबई पहुंचाया, जबकि शुबम ने शूटर्स को हत्या के लिए पैसे दिए थे।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की बढ़ती ताकत
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की बढ़ती ताकत और सोशल मीडिया पर उसका प्रभाव अब कानून व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। लॉरेंस और उसके गुर्गों के वीडियोज़ ने कई युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेल दिया है। ये युवा गैंग के प्रभाव में आकर अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं और ऐसे काम करने लगते हैं, जिनसे उनका जीवन बर्बाद हो जाता है।
पुलिस लगातार इस गैंग के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई और उसका गैंग नई पीढ़ी को अपराध की ओर धकेल रहा है। इस बढ़ते अपराध पर काबू पाना अब पुलिस और सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।