राष्‍ट्रीय

Jammu And Kashmir Statehood: ‘जम्मू और कश्मीर को दो महीने में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए’, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील

Jammu And Kashmir Statehood: जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग को लेकर एक याचिका आज (17 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। इस याचिका में केंद्र सरकार से राज्य का दर्जा बहाल करने की समयसीमा तय करने का अनुरोध किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील की, जिस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सूची बनाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई

याचिका में जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से उचित निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने इस विषय पर त्वरित सुनवाई की मांग की है ताकि जम्मू-कश्मीर की राज्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो सके। याचिका दाखिल करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मामले की त्वरित सुनवाई की अपील की।

केंद्र सरकार पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप

इस याचिका को कॉलेज शिक्षक जहीर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक द्वारा दाखिल किया गया है। याचिका में यह कहा गया है कि सॉलिसिटर जनरल द्वारा दिए गए आश्वासन के बावजूद, कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा मिलेगा, केंद्र सरकार ने पिछले दस महीनों में इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाएंगे और राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। अब जबकि चुनाव शांति से संपन्न हो चुके हैं, तो अदालत को केंद्र को यह निर्देश देना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर को दो महीने के भीतर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।

Bangalore Airport: बेंगलुरु एयरपोर्ट पर मिनीबस की टक्कर! क्या बेंगलुरु एयरपोर्ट की सुरक्षा में खामी?
Bangalore Airport: बेंगलुरु एयरपोर्ट पर मिनीबस की टक्कर! क्या बेंगलुरु एयरपोर्ट की सुरक्षा में खामी?

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और चुनावों की स्थिति

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी यह निर्देश दिया था कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराए जाएं। अब जब चुनाव हो चुके हैं, याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य का दर्जा बहाल करने का समय आ गया है। याचिका में जोर दिया गया है कि राज्य का दर्जा बहाल किए बिना जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय नहीं मिल सकता।

Jammu And Kashmir Statehood: 'जम्मू और कश्मीर को दो महीने में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए', याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील

2019 में जम्मू और कश्मीर बना केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर की वर्तमान स्थिति अगस्त 2019 में बदल गई थी, जब केंद्र सरकार ने धारा 370 और धारा 35A को खत्म कर दिया। इसके बाद, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के माध्यम से राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। इसके तहत जम्मू-कश्मीर की राज्य स्थिति समाप्त हो गई और इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला। इस फैसले के बाद से कई राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की मांग उठती रही है।

पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया

जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देने के लिए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संसोधन की आवश्यकता होगी। इसके लिए संसद में इस अधिनियम में संशोधन करना होगा, जो कि लोकसभा और राज्यसभा में पारित होना जरूरी है। संशोधन विधेयक संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इसके बाद, आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके आधार पर जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा।

JD Vance India visit: भारत में वेंस का दौरा! क्या जेडी वेंस की भारत यात्रा से बदलेंगे भारत-अमेरिका संबंध?
JD Vance India visit: भारत में वेंस का दौरा! क्या जेडी वेंस की भारत यात्रा से बदलेंगे भारत-अमेरिका संबंध?

राजनीतिक दलों की भूमिका

2019 के फैसले के बाद, जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों ने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है। बीजेपी सहित कई दलों ने यह वादा किया है कि राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा। हालांकि, अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिस कारण यह मुद्दा राजनीतिक और कानूनी विवाद का विषय बना हुआ है।

जम्मू-कश्मीर की जनता की मांग

जम्मू-कश्मीर के लोगों की लंबे समय से यह मांग रही है कि राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए। राज्य का दर्जा छिनने के बाद से वहां के लोग प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। राज्य की अस्थिर राजनीतिक स्थिति ने भी इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है।

Back to top button