Punjab: धान की खरीद में कमी के खिलाफ BKU उग्रहन का टोल फ्री प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ नारेबाजी
Punjab में भारतीय किसान यूनियन (BKU) एकता उग्रहन ने धान की उचित खरीद और भुगतान में कमी के विरोध में गुरुवार को पूरे पंजाब में सभी टोल फ्री कर दिए। ललरु में ब्लॉक प्रधान लखविंदर सिंह हैप्पी मालकपुर के नेतृत्व में किसानों ने डैपर टोल प्लाजा पर धरना दिया। इस दौरान किसानों ने सभी लेनों को फ्री कर दिया, जिससे वाहन बिना टोल भुगतान किए गुजरते रहे।
किसानों का आंदोलन
किसान नेता लखविंदर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसान सुबह करीब 10 बजे डैपर टोल प्लाजा पर पहुंचे। किसानों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चटाई पर बैठ गए। किसानों ने भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने भी नारेबाजी की जो पंचकुला में शपथ ग्रहण समारोह में जा रहे थे। इस दौरान, ट्रैफिक बिना टोल भुगतान के चलता रहा। किसानों का कहना है कि धान की खरीद और भुगतान की कमी के कारण मंडियों में किसानों को काफी परेशानी हो रही है।
मार्केट कमेटी ललडू का ताला
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर ब्लॉक डेराबसी के किसानों ने धान की खरीद, उठान और भुगतान में कमी के कारण मार्केट कमेटी ललडू का ताला लगा दिया। इस अवसर पर किसानों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेता जसविंदर सिंह तिवाना ने कहा कि पिछले कई दिनों से किसानों को स्थानीय अनाज मंडियों में धान की खरीद, उठान और भुगतान में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
Sangrur में टोल प्लाजा को फ्री किया
BKU एकता उग्रहन ने धान की खरीद की मांग को लेकर संगरूर जिले के दो टोल प्लाजा को भी फ्री कर दिया। इस दौरान ट्रैफिक प्रभावित नहीं हुआ, जिससे आम जनता को कोई समस्या नहीं हुई। राज्य अध्यक्ष जगिंदर सिंह उग्रहन, जिला अध्यक्ष अमरीक सिंह, जगतार सिंह कलाजहद और महासचिव दरबारा सिंह चाजला ने कहा कि उग्रहन ने गुरुवार को कलाजहद और चोटीया टोल प्लाजा को फ्री कर धरना प्रदर्शन शुरू किया है। उग्रहन ने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। सरकार की असली मंशा कृषि प्रणाली को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों सौंपना है। इसके तहत किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है, और उनका समूह इसे कभी भी नहीं होने देगा।
अगले कदम
उग्रहन ने घोषणा की है कि शुक्रवार को वे मंत्रियों, आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों, सांसदों और जिले के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के घरों के सामने स्थायी मोर्चा लगाकर प्रदर्शन शुरू करेंगे। टोल प्लाजा आंदोलन भी जारी रहेगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि किसानों की मांगों को पूरा किए बिना संघर्ष जारी रहेगा।
किसानों की स्थिति
यह प्रदर्शन इस बात का संकेत है कि पंजाब के किसानों की स्थिति कितनी गंभीर है। धान की खरीद और भुगतान में देरी से किसान बेहद परेशान हैं। पंजाब में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है, और इस प्रकार की समस्याएं न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हैं। किसानों के इस संघर्ष ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब उनके अधिकारों की बात आती है, तो वे एकजुट होकर खड़े होते हैं।