Hrithik Roshan ने अपनी पहली फिल्म से पहले खुद को एक स्ट्रगलर माना!
Hrithik Roshan का नाम आज बॉलीवुड के सबसे सफल और प्रतिभाशाली अभिनेताओं में गिना जाता है। उनकी पहली फिल्म “कहो ना प्यार है” ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि ऋतिक के करियर को भी एक नई दिशा दी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चमचमाते करियर की शुरुआत से पहले ऋतिक ने खुद को एक स्ट्रगलर माना? यह दिलचस्प बात हाल ही में उनकी सह-कलाकार सोनाली कुलकर्णी ने एक इंटरव्यू में साझा की।
सोनाली कुलकर्णी का अनुभव
सोनाली कुलकर्णी ने “मिशन कश्मीर” में ऋतिक के सौतेले पिता की भूमिका निभाई थी। एक इंटरव्यू में, उन्होंने बताया कि जब वह पहली बार ऋतिक से मिलीं, तब वह खुद को राकेश रोशन का बेटा और एक स्ट्रगलर के रूप में पेश कर रहे थे। सोनाली ने कहा, “हमारी पहली मुलाकात ऑडिशन के दौरान हुई थी। ऋतिक ने कहा, ‘हाय, मैं Hrithik Roshan हूं, मैं राकेश रोशन का बेटा हूं और एक स्ट्रगलर हूं।’ उस समय वह अपनी पहली फिल्म ‘कहो न प्यार है’ की शूटिंग कर रहे थे।”
परिवार का फिल्मी इतिहास
Hrithik Roshan का परिवार बॉलीवुड में एक प्रतिष्ठित नाम है। उनके पिता, राकेश रोशन, एक प्रमुख अभिनेता और निर्देशक हैं, जबकि उनके चाचा, राजेश रोशन, प्रसिद्ध संगीतकार हैं। फिर भी, ऋतिक ने खुद को एक स्ट्रगलर माना, जो उनकी विनम्रता और वास्तविकता का परिचायक है। यह बात साबित करती है कि भले ही एक व्यक्ति के पास परिवार का फिल्मी इतिहास हो, लेकिन सफलता के लिए मेहनत और संघर्ष आवश्यक होते हैं।
युवा उम्र में मां का किरदार
सोनाली कुलकर्णी ने 25 साल की उम्र में ऋतिक की मां का किरदार निभाया था। इस भूमिका को निभाने में कोई परेशानी नहीं हुई, लेकिन उन्हें संजय दत्त के साथ की ऊंचाई के अंतर की चिंता थी। उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी इस बात की परवाह नहीं की कि मैं एक मां की भूमिका निभा रही हूं, क्योंकि मैं एक किरदार निभा रही थी।” हालाँकि, उन्हें शुरुआत में यह नहीं पता था कि उन्हें ऋतिक के साथ इस प्रकार का किरदार निभाना होगा।
ऋतिक की फिल्मी यात्रा
ऋतिक की फिल्म “कहो न प्यार है” ने उन्हें स्टार बना दिया, लेकिन इसके बाद कुछ उनकी फिल्में फ्लॉप भी हुईं। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से खुद को फिर से साबित किया। उनकी मेहनत का परिणाम है कि आज वह न केवल एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि उन्हें अपनी अभिनय प्रतिभा के लिए भी जाना जाता है।
Hrithik Roshan की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए संघर्ष आवश्यक है। उनका खुद को स्ट्रगलर मानना यह दिखाता है कि असली सफलता वही है, जब आप अपने संघर्षों को पहचानते हैं और उनसे सीखते हैं। आज, जब ऋतिक एक सुपरस्टार हैं, तब भी उनकी विनम्रता और मेहनत उन्हें एक अलग पहचान देती है। उनकी यात्रा एक प्रेरणा है, न केवल नए अभिनेताओं के लिए, बल्कि हर किसी के लिए जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है।