हरियाणा

गुरुग्राम के MCG समाधान शिविर में निगमायुक्त ने SDO दिलीप यादव व अन्य के 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:

हरियाणा में भाजपा सैनी सरकार 2 में की दोबारा से शुरू की गई आम जनता के समस्या समाधान के लिए निगम में शुरू समाधान शिविर में निगम क्षेत्र वासियों को पहले दिन से ही राहत मिलनी शुरू हो गई है। वहीं शिकायत के समाधान के साथ-साथ ही अधिकारियों पर भी कड़ा एक्शन शुरू हो गया है।

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निगम प्रवक्ता की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार निगमायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ का अधिकारियों पर कड़ा एक्शन पहले दिन से ही होने लगा है, उन्होंने वार्ड एक के क्षेत्र राजेंद्र पार्क से आई शिकायत पर
दो JE सहित SDO व XEN का 15 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
राजेंद्रा पार्क की एकता वाली गली में सीवरेज ढक्कन की शिकायत सुनने के दौरान निगमायुक्त ने दिए निर्देश शिकायतकर्ता ने बताया कि वे खुद गिरकर चोटिल हो गए थे। जिसकी उन्होंने पहले भी कई दफा शिकायत दी हुई थी, लेकिन निगम में बैठे लापरवाह अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। जिसपर निगमायुक्त ने तुरंत टीम भेजकर शिकायत का समाधान करवाने के दिए निर्देश थे, वहीं क्षेत्र में तैनात
JE सतेंद्र व जसविंदर, SDO दलीप यादव तथा XEN संजीव कुमार का लापरवाही भारत ने पर 15 दिनों का वेतन काटने के मौके पर ही निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र वीडियो में चर्चाएं हैं कि अगर निगम अधिकारी अपनी छवि और सरकार की छवि को सही करना चाहते हैं तो वरिष्ठ अधिकारी भारत में लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करें।

बता दें कि एसडीओ दिलीप यादव के बारे में गुरुग्राम वीडियो का कहना है कि वह तो एक बहुत ही ज्यादा लापरवाह और भ्रष्ट एसडीओ है, जिसकी कई दफा शिकायत प्रदेश सरकार तक भी गई हुई है लेकिन कोई कार्रवाई उसे पर नहीं हो रही, यहां तक की एक दफा उसका ट्रांसफर भी हो गया था लेकिन अपनी ऊंची पहुंच के कारण फिर से गुड़गांव में तैनात हो गया। उसके बारे में सदर बाजार के अशोक, नरेश , सतीश, राजेश ने बताया कि तब एसडीओ एनफोर्समेंट दिन में तैनात थे तो उन्होंने जकमपुरा क्षेत्र में कई जगह पर तोड़फोड़ व सिलीग की थी। जिसमें बाद में भ्रष्टाचार के कारण कार्रवाई चल होने के बाद भी बंद कर दी गई। वहीं उन्होंने कमान सराय स्थिति बनी दुकानों पर भी पीला पंजा चलाया था। सिर्फ लोगों में दहशत और भ्रष्टाचार मचाकर अपनी जेबें भरने के इरादे से किया गया था। वहीं उसने निगम क्षेत्र के गांव मोलाहेडा में भी भ्रष्टाचार के आरोपी रविंद्र से साजबाज होकर कहर मचाया था, जबकि उसी वक्त पार्षद के चहेते चरण वगैरा ने चार मंजिली बगैर नक्शे पास कराए मकान बनाया था, इसके बाद में नोटिस भेजे गए हैं। वहां पर जाकर भी नहीं देखा दूसरी तरफ ही भेदभाव के चलते तोड़फोड़ की थी।

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