हरियाणा

सीएम सिटी करनाल में भूजल का स्तर 18 फुट तक गिरा

बिना मंजूरी के लगे हजारों समर्सिबल पम्प, आरटीआई के माध्यम से हुआ खुलासा

सत्यखबर, करनाल (मेनपाल) – करनाल चारों ओर से नहरों से गिरा हुआ शहर। बारिश भी साल में सामान्य 800 से 1000 एमएम होती है। बावजूद इसके पानी पाताल में चला गया है। करनाल डेंजर जोन में आ गया है। बिना परमिशन के कोई भी सबमर्सिबल नहीं लगा सकता। मात्र चार संस्थानों ने सबमर्सिबल लगाने की परमिशन ली। हजारों सबमर्सिबल बिना परमिशन के लगे हुए हैं। शहर में जलदोहन को रोकने के लिए प्रशासन के पास इंतजाम नहीं है।

वर्ष 2011 से अब तक करनाल का वाटर लेवल एक मीटर, जबकि कस्बों के पानी का लेवल छह मीटर डाउन चला गया है। इस पर भूजलस्तर विभाग ने चिंता जताई है कि वर्ष 2006 से करनाल डार्क जोन में है, जबकि असंध, निसिंग डेंजर जोन में है। इसके बाद इन एरिया का भूजलस्तर बढ़ा नहीं है। प्रशासन ने वर्ष 2010 के बाद अवैध रूप से चल रहे सबमर्सिबल पंप पर किसी प्रकार की कार्रवाई भी अमल नहीं लाई गई है। घटते भूजल स्तर के कारण ही पब्लिक हेल्थ के ट्यूबवेल ठप हो रहे हैं। पिछले साल भी 13 ट्यूबवेल अपग्रेड कराने पड़े। जिले में ग्राउंड वाटर सेल विभाग की तरफ से चार संस्थानों ने पीने के लिए पानी की मंजूरी ली हुई है, जबकि सैकड़ों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। जो जलदोहन में अहम भूमिका निभाते हैं।

चार के पास मंजूरी, बाकी यूं ही चल रहे – कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन मधुबन, डॉ. अरुण कोहली, आईसीएआर शुगर ब्रिडिंग ने पीने के पानी की मंजूरी ली हुई है। इसके अतिरिक्त शहर में सैकड़ों की संख्या में होटल, बैंक्वेट हाल, अस्पताल, कैंपर सर्विस, राइस मिल, बड़ी फैक्ट्रियां बिल्डर्स, शिक्षा संस्थान, शुगर मिल के पास कोई मंजूरी नहीं है। जबकि इनमें जलदोहन अधिक हैं।

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भू-जल रिचार्ज का नहीं ध्यान – शहर में पड़ी खाली भूमि से पानी का रिचार्ज होकर वाटर लेवल मेंटेन रहता था। निगम ने न केवल सारे शहर की खाली पड़ी भूमि को इंटरलॉकिंग टाइलों से ब्लॉक कर दिया है, वाटर रिचार्ज के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई। जिससे आने वाले समय शहर में भूजल का लेवल और बिगड़ सकता है। इससे लोगों को पीने के पानी की समस्या खड़ी हो सकती है। सिर्फ जल दिवस पर कार्यक्रम कर खानापूर्ति करते हैं।

नगर निगम और भूजल स्तर विभाग के पास रिकॉर्ड नहीं – एडवोकेट राजेश शर्मा को आरटीआई के तहत निगम और भूजलस्तर विभाग ने सूचना दी है कि उनके पास शहर में चल रहे ऑटो सर्विस सेंटर का रिकॉर्ड नहीं है कि वह वैध या अवैध। यह कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। इससे तो सभी सबमर्सिबल पंप लगा लेंगे और जलस्तर और डाउन चला जाएगा।

बूंद भी बर्बाद न करें – भू जलस्तर बढ़ाने के लिए जिले के 14 गांवों में तालाब संबंधित कार्य करवाया जा रहा है। जुलाई-अगस्त से पहले सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से छतों पर वाटर रि-चार्जिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। लोगों से अपील है कि वह जल की एक बूंद को भी बर्बाद ना करें।निशांत यादव – ए डी सी , करनाल।

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क्या कहती है केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती – हरियाणा और पंजाब के कुछ क्षेत्रों में गिरते भू-जल के संबंध में पूछे गए प्रश्र के उत्तर में उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब कुछ क्षेत्र डार्क जोन में आ गए है और उन्हें उम्मीद है कि हरियाणा इन डार्क जोन के क्षेत्रों को उभारने में अगुवाई करेगा।

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