Uttarakhand News: उत्तराखंड में बड़ा हादसा, यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, अब तक 15 शव बरामद
Uttarakhand News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा-सल्ट क्षेत्र में एक भीषण बस हादसे की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, यात्रियों से भरी हुई यह बस कुपी के पास एक गहरी खाई में गिर गई। बस में कुल 46 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है।
घटना का विवरण
यह हादसा उस समय हुआ जब यह बस पौड़ी जिले से रामनगर की ओर जा रही थी। यात्रियों से भरी हुई इस बस ने कुपी के पास नियंत्रण खो दिया और खाई में गिर गई। घटना के तुरंत बाद प्रशासन हरकत में आ गया और पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने राहत कार्य शुरू कर दिया, जबकि घायलों को पास के स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाया जा रहा है।
राहत और बचाव कार्य
जैसे ही घटना की सूचना मिली, स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। पुलिस और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फोर्स) की टीमों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गईं। खाई से अब तक 15 शवों को निकाला गया है और अन्य लोगों की तलाश जारी है। इस कठिनाईपूर्ण स्थिति में भी, पुलिस और एसडीआरएफ के जवान पूरी लगन और त्वरित कार्रवाई से घायलों को निकालने में लगे हुए हैं।
दुर्घटना का कारण और बस की जानकारी
बताया जा रहा है कि यह बस गढ़वाल मोटर यूनियंस की थी और उसमें कुल 46 लोग सवार थे। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बस का नियंत्रण कैसे खोया गया, लेकिन प्रशासन द्वारा पूरी घटना की जांच की जा रही है। बस के पहियों में किसी तरह की खराबी या सड़क की स्थिति भी हादसे का कारण हो सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद दुर्घटना पर गहरी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “मार्चुला, अल्मोड़ा में हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण बस हादसे की खबर सुनकर अत्यंत दुख हुआ है। जिला प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट किया जाए, जिससे उन्हें बेहतर और तत्काल इलाज मिल सके।”
मुख्यमंत्री ने इस हादसे पर संवेदना जताते हुए, मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने प्रशासन को घायलों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के आदेश दिए हैं।
स्थानीय प्रशासन की कोशिशें
अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों के पुलिस प्रशासन और राहत दलों ने इस स्थिति में त्वरित निर्णय लिए हैं और घायलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हर संभव साधन का उपयोग करके राहत कार्य में तेजी लाई जा रही है। जिला प्रशासन ने अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है ताकि घायलों को तुरंत इलाज मिल सके।
बस हादसों की बढ़ती घटनाएँ और सुरक्षा की आवश्यकता
उत्तराखंड में बस दुर्घटनाओं की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में, जहाँ सड़कों की स्थिति और परिवहन साधनों की कमी के कारण हादसों का खतरा बढ़ता रहता है। पर्वतीय मार्गों पर यात्रा करते समय वाहनों की नियमित जांच, ड्राइवरों का सतर्कता पूर्वक वाहन चलाना और सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों की उचित मरम्मत और बसों की नियमित जांच से ऐसी दुर्घटनाओं को काफी हद तक टाला जा सकता है। साथ ही, ऐसे मार्गों पर यात्रा करते समय यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और प्रशासन से पर्वतीय क्षेत्रों में यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि हर साल यात्रियों के साथ ऐसी घटनाएँ होती हैं और यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सड़कों की सुरक्षा पर ध्यान दे।
सरकार से उम्मीदें और राहत कार्य में योगदान
प्रदेश सरकार से उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद वह यात्री सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। साथ ही, यात्रियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करने की संभावना भी है ताकि प्रभावित परिवारों को मदद मिल सके।
इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए हम उम्मीद करते हैं कि सरकार और प्रशासन जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि आगे से इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में यात्रा के दौरान सतर्कता बरतने की आवश्यकता है और ऐसे हादसों से बचने के लिए शासन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने होंगे।