सफीदों कांग्रेस में फूट का सिलसिला लगातार जारी, किसी ने पदों से इस्तीफा दिया तो किसी ने निर्दलीय पर्चा भरा
सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर अनाप-शनाब ब्यानबाजी व फूट का दौर जारी है। उसी कड़ी में अब लोकल स्तर पर भी पार्टी में फूट साफतौर पर देखी जाने लगी है। सफीदों में कांग्रेस में भी फूट का लावा लगातार फूटता जा रहा है। किसी कांग्रेसी नेता ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है तो किसी ने निर्दलीय तौर पर नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है। पिछले कई दिनों पूर्व सफीदों विधानसभा से कांग्रेस की टिकट सशक्त दावेदार कर्मबीर सैनी ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर अपने कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। बैठक में कार्यकर्ताओं का कहना था कि इतनी मेहनत करने के बावजूद भी कर्मबीर सैनी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दी गई।
सफीदों विधानसभा क्षेत्र से कर्मवीर सैनी को कांग्रेस की टिकट मिलती तो वह भारी मतों से विजयी होते। बैठक में उनके समर्थकों ने फैसला लिया कि कर्मवीर सैनी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करें। कर्मबीर सैनी ने समर्थकों का फैसला स्वीकार करते हुए निर्दलीय तौर पर फार्म भर दिया। नामांकन दाखिल करने के उपरांत कर्मबीर सैनी ने कहा कि पार्टी की दुर्दशा करने में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का हाथ है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के कांग्रेस के तमाम पदों से इस्तीफा देने के उपरांत सफीदों में उनके खासमखास कहे जाने वाले पार्टी के प्रदेश युवा सचिव नरेश जांगड़ा ने पै्रस कांफे्रस आयोजित करके अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। नरेश जांगड़ा का कहना था कि कांग्रेस में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर की सरासर अनदेखी की गई है।
उन्होंने आरोप लगाए कि टिकटों के वितरण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पैसे लेकर टिकट बांटे हैं और भूपेंद्र हुड्डा ने यह भी साबित कर दिया है कि वे एक जाति विशेष के नेता हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल तक अशोक तंवर ने मेहनत करके कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाया लेकिन उनकी हर स्तर पर अनदेखी की गई और उन्हे प्रताडि़त किया गया। वहीं दूसरी ओर हलके के एक बड़े ब्राह्मण नेता जो कांग्रेस आलाकमान से टिकट की मांग कर रहे थे और कई दिनों तक काफी दौड़ धूप भी की लेकिन अंत में उनके हाथ खाली के खाली रह गए। उस ब्राह्मण नेता ने शनिवार रात को अपने निवास पर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जलपान का आयोजन कर दिया। कुल मिलाकर इन तीन नेताओं की अनदेखी व नाराजगी कहीं ना कहीं कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक एक बड़ा नेता सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने वाला है और भाजपा में भी शामिल हो सकता है।