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Jammu and Kashmir में शांति के लिए यासीन मलिक की रिहाई की मांग, मुशाल हुसैन ने राहुल गांधी को लिखा पत्र

Jammu and Kashmir लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर अपने पति की रिहाई की अपील की है। मुशाल का कहना है कि यासीन मलिक की रिहाई जम्मू-कश्मीर की शांति प्रक्रिया को गति देने के लिए अहम हो सकती है। उन्होंने पत्र में यह भी दावा किया कि उनके पति पर लगाए गए आरोप और सजा पूरी तरह से झूठे हैं और इसके पीछे राजनीतिक साजिश है।

यासीन मलिक की भूमिका और रिहाई की अपील

मुशाल हुसैन ने अपने पत्र में राहुल गांधी से अपील की है कि वे यासीन मलिक के मामले में हस्तक्षेप करें और उनकी रिहाई के लिए संसद में चर्चा का आह्वान करें। मुशाल ने अपने पति को शांति प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा बताते हुए कहा कि यासीन ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में शांति और सुलह की बात की है। उनका मानना है कि यासीन की रिहाई से जम्मू-कश्मीर में एक वास्तविक शांति प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है, जो सिर्फ दिखावटी नहीं होगी।

Jammu and Kashmir में शांति के लिए यासीन मलिक की रिहाई की मांग, मुशाल हुसैन ने राहुल गांधी को लिखा पत्र

उन्होंने पत्र में लिखा कि यासीन मलिक एक अहिंसक शख्स हैं और उनका संघर्ष हमेशा शांतिपूर्ण रहा है। मुशाल का कहना है कि यासीन मलिक के खिलाफ 35 साल पुराने मामले में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि यह आरोप पूरी तरह से निराधार है। इसके अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यासीन के खिलाफ एक झूठे मामले में मौत की सजा की मांग की है, जो 2017 में दायर किया गया था।

मुशाल हुसैन का पत्र और यासीन की भूख हड़ताल

मुशाल ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यासीन मलिक इस समय अपनी रिहाई के लिए भूख हड़ताल पर हैं, जो उनकी सेहत के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है। 2 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे यासीन का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। मुशाल का कहना है कि यह हड़ताल उनके जीवन के लिए खतरे का कारण बन सकती है। यासीन का यह कदम शांतिपूर्ण और अहिंसक रास्ते से अपनी बात रखने का तरीका है, लेकिन उनकी जान पर अब संकट मंडरा रहा है।

मुशाल ने राहुल गांधी से यह भी अपील की कि वे इस मुद्दे को लेकर सार्वजनिक रूप से अपनी आवाज उठाएं और अपने राजनीतिक और नैतिक प्रभाव का उपयोग कर यासीन की रिहाई के लिए दबाव डालें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यासीन को रिहा किया जाता है, तो यह जम्मू-कश्मीर में शांति और सुलह की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सहायक की अपील

इसके अलावा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सहायक राहेल मुशाल ने भी राहुल गांधी से यासीन मलिक को मौत की सजा से बचाने के लिए अपील की है। उन्होंने कहा कि यासीन के खिलाफ चल रहे मामले में झूठे आरोप लगाए गए हैं, और उनकी रिहाई से न केवल जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हो सकती है, बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में भी सुधार हो सकता है।

राहेल मुशाल ने पत्र में यह भी बताया कि 2017 में दायर किए गए मामले में NIA ने यासीन मलिक और अन्य लोगों को आरोपित किया था। इस मामले में, यासीन के खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, मुशाल का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और उनके पति का कोई ऐसा अपराध नहीं है।

जम्मू-कश्मीर में शांति प्रक्रिया की आवश्यकता

यासीन मलिक की रिहाई की मांग को लेकर मुशाल हुसैन ने यह भी कहा कि यह समय है जब जम्मू-कश्मीर में शांति और सुलह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उनका मानना है कि यासीन मलिक की रिहाई से क्षेत्र में वास्तविक शांति की संभावना बढ़ सकती है। वे कहती हैं कि यासीन का संघर्ष हमेशा अहिंसक रहा है और उनके विचारों से जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित हो सकती है।

मुशाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यासीन ने कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया और उनका पूरा जीवन शांति के प्रचार में बीता है। ऐसे में उनकी रिहाई से कश्मीर घाटी में शांति स्थापित करने में मदद मिल सकती है।

यासीन मलिक के संघर्ष की गवाही

यासीन मलिक के जीवन और संघर्ष पर विचार करते हुए मुशाल हुसैन ने यह बताया कि उनके पति ने हमेशा जम्मू-कश्मीर में शांति की बात की है और वे कभी भी सशस्त्र संघर्ष का हिस्सा नहीं रहे। उनका मानना था कि कश्मीर मुद्दे का समाधान केवल बातचीत और शांति के मार्ग से ही संभव है।

यासीन मलिक ने हमेशा कश्मीरी लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई, लेकिन उनका तरीका हमेशा अहिंसक था। मुशाल का कहना है कि इस संघर्ष का कोई हिंसक रूप नहीं था, और न ही यासीन ने कभी कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए हथियार उठाने की कोई कोशिश की। इसके बावजूद, उन पर आरोप लगाए गए हैं और उन्हें सजा दी गई है, जो पूरी तरह से गलत है।

यासीन की भूख हड़ताल और जीवन का संकट

यासीन मलिक की भूख हड़ताल से उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है। मुशाल हुसैन ने बताया कि उनका शरीर अत्यधिक कमजोर हो गया है और उनकी हालत में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। ऐसे में उनकी रिहाई एकमात्र तरीका हो सकता है, जिससे उनकी जान बचाई जा सके और शांति प्रक्रिया को पुनः सक्रिय किया जा सके।

मुशाल हुसैन मलिक का पत्र कांग्रेस नेता राहुल गांधी से यासीन मलिक की रिहाई की अपील करते हुए यह संदेश देता है कि शांति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि कश्मीरी नेताओं की आवाज़ सुनी जाए। यासीन मलिक का संघर्ष अहिंसक और शांति के पक्ष में था, और उनकी रिहाई से जम्मू-कश्मीर में शांति की संभावना बढ़ सकती है। राहुल गांधी से यह अपील की जाती है कि वे इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें और यासीन की रिहाई के लिए अपने प्रभाव का प्रयोग करें।

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