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Arjun Kapoor ने 7 साल तक छुपाई अपनी बीमारी, बोले- ‘जब मैं परेशान होता हूं, तो मेरा वजन बढ़ जाता है’

बॉलीवुड अभिनेता Arjun Kapoor इन दिनों फिल्म ‘सिंघम अगेन’ की सफलता को लेकर सुर्खियों में हैं। इसमें उनकी नकारात्मक भूमिका को दर्शकों से खूब सराहना मिली, लेकिन फिल्म की सफलता के बीच अर्जुन कपूर ने अपनी जिंदगी का एक ऐसा खुलासा किया है जिसने उनके प्रशंसकों को चौंका दिया है। अर्जुन ने बताया कि वह हल्के डिप्रेशन और हाशिमोटो डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस बीमारी के कारण वह सालों से कई शारीरिक और मानसिक संघर्षों का सामना कर रहे हैं।

अर्जुन ने खोला दिल का दर्द

हाल ही में एक इंटरव्यू में अर्जुन ने अपने संघर्ष और बीमारी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “कई बार मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। मेरा वजन भी मानसिक तनाव से जुड़ा हुआ है। जब भी मैं मानसिक तनाव में होता हूं, तो मेरा वजन अनियंत्रित रूप से बढ़ जाता है। मुझे हाशिमोटो डिजीज नाम की एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसने मेरी जिंदगी को काफी प्रभावित किया है।”

Arjun Kapoor ने 7 साल तक छुपाई अपनी बीमारी, बोले- 'जब मैं परेशान होता हूं, तो मेरा वजन बढ़ जाता है'

हाशिमोटो डिजीज क्या है?

हाशिमोटो डिजीज एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने थायरॉइड ग्लैंड को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। यह स्थिति हार्मोनल असंतुलन को जन्म देती है, जिससे वजन का बढ़ना और ऊर्जा की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अर्जुन कपूर के अनुसार, यह बीमारी उनके परिवार में पहले से मौजूद थी, क्योंकि उनकी मां मोना शौरी कपूर और बहन अंशुला कपूर भी इस बीमारी से ग्रसित हैं।

डिप्रेशन से भी जूझ रहे हैं अर्जुन

अर्जुन कपूर ने बताया कि उनकी कुछ फिल्में सफल नहीं होने के बाद उन्हें हल्के डिप्रेशन का सामना करना पड़ा। उनके अनुसार, “मोटे बच्चे के रूप में मेरा बचपन मानसिक संघर्ष से भरा था। मैं खुद को कम आंकने लगा था, और यह तनाव मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया। पिछले साल से मैंने थेरेपी लेना शुरू किया, जो मेरी मानसिक स्थिति को सुधारने में काफी मददगार रही है। मुझे कई थेरेपिस्ट्स से मिलने के बाद सही थेरेपिस्ट मिला, जिसने मुझे अपनी भावनाओं को खुलकर साझा करने का मौका दिया।”

थेरेपी से कैसे मिला सहारा?

अर्जुन कपूर ने बताया कि थेरेपी के दौरान उन्हें खुद को बेहतर तरीके से समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा, “थेरेपी ने मुझे अपने मानसिक स्वास्थ्य को समझने और उसे सुधारने का एक सकारात्मक रास्ता दिखाया। जब भी मैं निराश होता था, तो मुझे लगता था कि कुछ बड़ा मिस कर रहा हूं। थेरेपी ने मुझे सिखाया कि अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना कोई शर्म की बात नहीं है।”

फिल्मों में असफलता का असर

अर्जुन कपूर ने कहा कि फिल्में न चलने का तनाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। जब भी उनकी कोई फिल्म असफल होती है, तो वह अंदर से टूट जाते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ जाता है और शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि हाशिमोटो डिजीज के चलते वजन का नियंत्रण करना और भी कठिन हो जाता है।

अर्जुन की संघर्ष की कहानी फैंस के लिए संदेश

अर्जुन कपूर का यह खुलासा उनके फैंस के लिए एक संदेश है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अर्जुन ने कहा, “हमें अपनी मानसिक समस्याओं के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर मदद लेनी चाहिए।” उनका यह संदेश फैंस को प्रेरित कर रहा है कि वे भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें और किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर अपने करीबी लोगों से बात करें।

अर्जुन का संदेश: “मदद मांगने में संकोच न करें”

अर्जुन कपूर का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करना जरूरी है। उन्होंने अपने प्रशंसकों से अपील की कि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लें और किसी भी तरह की परेशानी महसूस होने पर थेरेपी या काउंसलिंग का सहारा लें। अर्जुन की ईमानदारी से भरी इस बात ने उनके फैंस को और भी करीब ला दिया है।

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