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Delhi CM Atishi On Bus Marshals: दिल्ली में बस मार्शल को लेकर राजनीतिक घमासान, CM अतिशी के आरोपों पर BJP ने दिया करारा जवाब

Delhi CM Atishi On Bus Marshals: दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए बस मार्शल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की नियुक्ति पर राजनीतिक हलकों में गर्मा-गर्मी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री अतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाया कि उसने साजिश करके बस मार्शल्स की नौकरी छीन ली थी, लेकिन अब दिल्ली सरकार इन मार्शल्स को फिर से नौकरी देने जा रही है। इसके साथ ही बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि वह सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को उनका हक नहीं दे रही है। आइए जानते हैं इस मामले के सभी पहलुओं को।

सीएम अतिशी का आरोप – बीजेपी ने नौकरी छीन ली थी

दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उनका कहना था, “बीजेपी ने अपनी गंदी राजनीति के जरिए बस मार्शल्स की नौकरियों को छीन लिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल जी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने इन मार्शल्स को फिर से नौकरी दी है। यह साबित करता है कि चाहे बीजेपी कितनी भी साजिशें करे, आम आदमी पार्टी की सरकार हर कठिनाई का सामना कर दिल्लीवालों का काम करेगी।”

बस मार्शल्स के बारे में सीएम अतिशी ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री अतिशी ने बस मार्शल्स की भूमिका पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल ने बस मार्शल्स की नियुक्ति इसलिए की थी ताकि महिलाएं सुरक्षित रहें, उनके साथ कोई छेड़छाड़ न हो, और बच्चों के अपहरण जैसी घटनाओं को रोका जा सके। जब एक बच्चे को अपहरण करने की कोशिश की गई थी, तो बस मार्शल्स ने उसे रोक लिया था। इसके अलावा, बुजुर्गों को मदद देने के लिए भी मार्शल्स ने अपना योगदान दिया।”

बस मार्शल्स को वेतन नहीं दिए जाने का आरोप

अतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के दबाव के कारण बस मार्शल्स को उनका वेतन नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “हमारे मंत्री लगातार अधिकारियों से यह आदेश देते रहे कि मार्शल्स को वेतन दिया जाए, लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया और उन्हें वेतन नहीं मिला। मुझे खुशी है कि बस मार्शल्स, आम आदमी पार्टी के नेताओं और विधायकों ने संघर्ष किया। उन्हें लाठीचार्ज भी झेलना पड़ा, लेकिन अंततः यह जीत हमारे पक्ष में आई।”

बीजेपी का हमला – आम आदमी पार्टी सरकार पर सवाल

वहीं, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष विजयेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा सैकड़ों बस मार्शल्स को बेरोज़गार कर दिया गया था, लेकिन अब उन्हें फिर से नौकरी दी जा रही है। विजयेंद्र ने यह भी कहा, “अब इन बस मार्शल्स के जीवन में रोशनी का एक किरण दिखाई दी है, लेकिन क्या यह सचमुच आम आदमी पार्टी की सच्ची नीयत का प्रमाण है?”

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बीजेपी की मांग – सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को 1 नवंबर से दिया जाए वेतन

विजयेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार से सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के लिए वेतन के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था, “दिल्ली सरकार 11 नवंबर से सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को ड्यूटी पर नियुक्त कर रही है, लेकिन इन वॉलंटियर्स को 1 नवंबर से ही काम पर लगाना चाहिए था, जैसा कि लेफ्टिनेंट गवर्नर का आदेश था। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर के आदेश को नज़रअंदाज़ करते हुए सिविल डिफेंस के वॉलंटियर्स को अब तक काम पर नहीं रखा।”

बीजेपी का आरोप – दिल्ली सरकार वॉलंटियर्स को काम नहीं देना चाहती

सचदेवा ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को काम देना नहीं चाहती। उनका आरोप था, “दिल्ली बीजेपी के दबाव में आकर ही मुख्यमंत्री अतिशी ने 11 नवंबर से इन वॉलंटियर्स को ड्यूटी पर नियुक्त करने का आदेश दिया। अब यह बड़ा सवाल है कि क्या दिल्ली सरकार वॉलंटियर्स के हित में काम कर रही है या नहीं।”

सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की स्थिति पर सवाल

विजयेंद्र ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के अधिकारों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को चाहिए कि वह इन वॉलंटियर्स के हक में काम करें और उन्हें उनका वेतन जल्द से जल्द दिया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर साफ और पारदर्शी निर्णय लेना चाहिए, ताकि वॉलंटियर्स को उनके अधिकार मिल सकें।

राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और सरकार की नीयत

दिल्ली में इन मुद्दों पर बढ़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा यह दर्शाती है कि राजनीति में एक-दूसरे को घेरने की प्रक्रिया तेज हो गई है। जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी यह दावा कर रही है कि उसने बस मार्शल्स को फिर से उनकी नौकरी दी है और उनका वेतन बहाल किया है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी आरोप लगा रही है कि दिल्ली सरकार सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के अधिकारों को नजरअंदाज कर रही है।

दिल्ली सरकार के द्वारा बस मार्शल्स और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की नियुक्ति और वेतन के मुद्दे पर जारी राजनीति ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, और यह स्पष्ट नहीं है कि इन कर्मचारियों के हक में क्या ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, यह बात साफ है कि यह मुद्दा दिल्ली सरकार और बीजेपी दोनों के लिए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन चुका है, जिसे आने वाले समय में और भी तूल मिल सकता है।

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