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Navy Chief Admiral Dinesh Tripathi: भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र, नौसेना प्रमुख का बयान

Navy Chief Admiral Dinesh Tripathi ने कहा है कि भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए एक अत्यंत प्रभावी तंत्र मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पूरी तरह से यह जानता है कि ‘कौन कहां है और क्या कर रहा है’, ताकि देश के हितों के साथ कोई समझौता न हो सके। यह बयान उन्होंने भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित देशव्यापी क्विज प्रतियोगिता ‘थिंक्यू 2024’ के भव्य समापन समारोह के दौरान दिया।

भारत की निगरानी प्रणाली

एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि भारत अपनी ‘रुचि क्षेत्र’ में हो रही गतिविधियों पर कड़ी नजर रखता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के हितों से कोई समझौता न हो, भारत किसी भी गतिविधि पर ध्यान देता है। उन्होंने चीन के बारे में भी टिप्पणी करते हुए कहा कि “चीन जो कुछ भी दुनिया के किसी भी हिस्से में करता है, वह उसका मामला है, लेकिन हम अपने क्षेत्र में उनकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। हमारे हिस्से में ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जिससे हम अनजान हों।”

नौसेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए एक उच्च-स्तरीय तंत्र है, जो न केवल वर्तमान गतिविधियों पर नजर रखता है, बल्कि भविष्य में होने वाली घटनाओं की भी पूर्व सूचना देने में सक्षम है। उनका यह बयान भारत की समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को स्पष्ट करता है।

Navy Chief Admiral Dinesh Tripathi: भारत के पास महासागरों की निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र, नौसेना प्रमुख का बयान

नवाचार और युवा महिला अधिकारियों की उपलब्धियां

एडमिरल त्रिपाठी ने भारतीय नौसेना के नवाचार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवाचार नौसेना की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है और इसे लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय नौसेना की दो युवा महिला अधिकारियों की उपलब्धियों को भी सराहा, जो ‘नाविका सागर परिक्रमा-2’ मिशन के तहत विश्व भ्रमण पर निकल चुकी हैं। यह एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण यात्रा है, जिसमें वे खराब मौसम और तूफानी समुद्र का सामना करेंगी, लेकिन उन्हें भरोसा है कि उनकी ट्रेनिंग उन्हें इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम बनाएगी।

यह मिशन न केवल भारतीय नौसेना की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह महिलाओं को भी सम्मान देने और उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इन महिला अधिकारियों का साहस और परिश्रम एक प्रेरणा है, और यह मिशन भारतीय नौसेना की शक्ति और सामर्थ्य को प्रदर्शित करता है।

‘थिंक्यू 2024’ का सफल समापन

‘थिंक्यू 2024’ का आयोजन भारतीय नौसेना ने देश भर के छात्रों के बीच किया था। इस प्रतियोगिता में 12,600 स्कूलों से लगभग 3,800 शहरों और कस्बों के छात्रों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का समापन शनिवार को हुआ, जिसमें 16 टीमों ने सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। इसके बाद, आठ टीमों ने भव्य समापन समारोह में भाग लिया, जहां विजेताओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी में नौसेना के प्रति रुचि और देश की सुरक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था।

‘शौर्य गाथा’ परियोजना का शुभारंभ

वहीं, शुक्रवार को जनरल अनिल चौहान, भारतीय सेना के प्रमुख, ने ‘शौर्य गाथा’ परियोजना का शुभारंभ किया। यह परियोजना भारत की सैन्य धरोहर को संरक्षित करने और उसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह परियोजना खास तौर पर शैक्षिक कार्यक्रमों और पर्यटन के माध्यम से सैन्य इतिहास को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाने का प्रयास करेगी। इस परियोजना के तहत, भारतीय सैन्य परंपराओं, सुरक्षा मुद्दों, और स्वदेशी सैन्य क्षमता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान, जनरल चौहान ने सैन्य विषयों पर कई किताबें भी जारी कीं। इसके अलावा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत किए गए रक्षा अनुसंधान और नवाचारों की उपलब्धियों पर एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की।

आत्मनिर्भर भारत और सैन्य क्षमता

‘शौर्य गाथा’ परियोजना का उद्देश्य भारतीय सैन्य परंपराओं को लोगों तक पहुंचाना है, साथ ही यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत स्वदेशी रक्षा उपकरणों और तकनीकों के विकास को भी बढ़ावा देगा। इस परियोजना से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारतीय लोग अपनी सैन्य शक्ति और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में अधिक जानें और समझें। जनरल चौहान ने इस मौके पर बताया कि भारत की सैन्य शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं, और इसे सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

भारतीय सैन्य धरोहर और पर्यटन

इस परियोजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भारतीय सैन्य धरोहर को पर्यटन के माध्यम से बढ़ावा देना है। इससे न केवल लोगों को भारतीय सेना की गौरवपूर्ण इतिहास की जानकारी मिलेगी, बल्कि यह देश की सैन्य संस्कृति को भी संरक्षित करने में मदद करेगा। ‘शौर्य गाथा’ परियोजना के जरिए देशभर में सैन्य धरोहर स्थलों का दौरा करने के लिए पर्यटकों को प्रेरित किया जाएगा, जिससे भारत के सैन्य इतिहास को न केवल भारतीयों, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षक बनाया जा सकेगा।

भारतीय नौसेना और सैन्य विभाग के इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपने समुद्री और सैन्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग और प्रतिबद्ध है। ‘थिंक्यू 2024’ और ‘शौर्य गाथा’ जैसी परियोजनाओं के माध्यम से, भारत अपनी सैन्य शक्ति, नवाचार और गौरवमयी इतिहास को न केवल संरक्षण दे रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को इससे अवगत भी करवा रहा है। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी और उनके योगदान को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जो आने वाले समय में देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।

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