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Dera Baba Nanak By Poll: डेरा बाबा नानक उपचुनाव में हलचल, कांग्रेस और AAP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

Dera Baba Nanak By Poll: डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र में बुधवार सुबह 7 बजे से उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया। मतदान के दौरान कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

यह घटना डेरा बाबा नानक क्षेत्र के डेरा पठान गांव में हुई, जहां दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ हिंसा और मारपीट के आरोप लगाए। इस झड़प के बाद पुलिस ने मौके पर 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया। घटनास्थल पर पहुंचे दोनों दलों के उम्मीदवारों ने किसी तरह अपने-अपने कार्यकर्ताओं को शांत कराया और लोगों से शांतिपूर्वक मतदान करने की अपील की।


Dera Baba Nanak By Poll: डेरा बाबा नानक उपचुनाव में हलचल, कांग्रेस और AAP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प

कांग्रेस और AAP कार्यकर्ताओं के आरोप

कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दावा किया कि वह जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उनके कार्यकर्ताओं को आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने बुरी तरह पीटा था। रंधावा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मौके पर कोई कार्रवाई नहीं की और कई बाहरी लोग चुनावी हिंसा में शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो AAP के साथ आया था और बाहरी शहरों से था।

रंधावा ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) डर के मारे घटना स्थल पर नहीं गए, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे अंदर जाएंगे तो AAP के नेता उन पर आरोप लगा सकते हैं। रंधावा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह सब मुख्यमंत्री के आदेश पर हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री मान खुद गैंगस्टर जग्गू भगवांपुरिया को शरण दे रहे हैं और उनकी सुरक्षा कर रहे हैं।

AAP प्रत्याशी गुरदीप रंधावा का पलटवार

वहीं, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार गुरदीप सिंह रंधावा ने इस मामले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में गैंगस्टरों को बढ़ावा दिया और आज उन्हें गैंगस्टरों का डर सताने लगा है। गुरदीप रंधावा ने यह भी कहा कि वह अपनी निजी गाड़ियों में अपने परिवार और सुरक्षा बलों के साथ पहुंचे हैं और किसी बाहरी व्यक्ति को साथ नहीं लाए हैं।

गुरदीप रंधावा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि डेरा बाबा नानक में कांग्रेस के शासनकाल में 6 से 7 हत्याएं हुई थीं, और इन हत्याओं के पीछे सुखजिंदर रंधावा का हाथ था। रंधावा ने कहा कि इस चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत की ओर बढ़ रही है, और उन्होंने अपील की कि मतदान शांतिपूर्वक होना चाहिए ताकि चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सके।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस ने केवल AAP कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमला करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। रंधावा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस को बाहरी लोगों को चुनावी हिंसा में शामिल होने से रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

दूसरी ओर, AAP ने पुलिस की निष्पक्षता की सराहना की और कहा कि चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा या गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार थी। AAP के मुताबिक, उन्हें पूरी उम्मीद है कि मतदान शांति से संपन्न होगा और पार्टी जीत की ओर बढ़ेगी।

उपचुनाव के राजनीतिक महत्व

यह उपचुनाव डेरा बाबा नानक विधानसभा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों दलों के नेता चुनावी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं और मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस चुनाव का नतीजा न केवल डेरा बाबा नानक क्षेत्र के लिए, बल्कि पंजाब की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।

कांग्रेस पार्टी, जो पिछले कुछ समय से पंजाब में अपनी खोई हुई स्थिति को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रही है, इस उपचुनाव को अपनी राजनीतिक ताकत को पुनः स्थापित करने के अवसर के रूप में देख रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी, जो 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत के बाद अब राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है, इस उपचुनाव को अपनी सरकार की उपलब्धियों को साबित करने का एक मौका मान रही है।

डेरा बाबा नानक उपचुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है। दोनों दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि इस तनावपूर्ण स्थिति में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न होता है या नहीं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस उपचुनाव का परिणाम पंजाब की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकता है, और दोनों दल अपनी पूरी ताकत से इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं।

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