Reduce Heart Blockage: दिल की धमनियों का ब्लॉकेज खोलने वाला काढ़ा, सर्दियों में जरूर करें सेवन
Reduce Heart Blockage: दिल की धमनियों में रुकावट एक गंभीर समस्या है और यह दिल के दौरे का कारण बन सकती है। यह रुकावट अक्सर कोलेस्ट्रॉल के जमाव के कारण होती है। कभी-कभी, धमनियों के संकुचन के कारण रक्त सही तरीके से प्रवाहित नहीं हो पाता। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धमनियों को रुकावट से बचाएं। आयुर्वेद में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जो धमनियों की रुकावट को कम करने में मदद करते हैं। स्वामी रामदेव ने एक ऐसे प्रभावी काढ़े के बारे में बताया है, जो दिल की धमनियों की रुकावट को दूर करने में सहायक हो सकता है। आइए जानते हैं इस काढ़े को कैसे तैयार करें और इसके फायदे क्या हैं।
दिल की धमनियों की रुकावट दूर करने के लिए काढ़ा
स्वामी रामदेव के अनुसार, इस काढ़े को बनाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री चाहिए:
- 1 चम्मच अर्जुन की छाल
- 2 ग्राम दारचीनी
- 5 तुलसी के पत्ते
इन सब चीजों को 2 कप पानी में उबालें। जब पानी एक कप रह जाए, तो इसे छानकर पी लें। इस काढ़े को पीने से धमनियों में सूजन और रुकावट कम हो सकती है। यह काढ़ा दिल को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मददगार साबित हो सकता है।
अर्जुन की छाल के फायदे
अर्जुन की छाल को दिल के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें एक रासायनिक तत्व होता है जिसे ट्राईटर्पेनॉइड कहा जाता है, जो दिल से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। अर्जुन की छाल में उपस्थित टैनिन और ग्लाइकोसाइड्स जैसे तत्वों के कारण इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो मुक्त कणों से दिल की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं। अर्जुन की छाल रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए पट्टियों को घुलने में सहायक होती है। इसके अलावा, यह खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और रक्त शर्करा को कम करने में भी सहायक होती है।
दारचीनी के फायदे
दारचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। दारचीनी का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में रुकावट कम हो सकती है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है। दारचीनी में पॉलीफिनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर को अन्य कई रोगों से बचाते हैं। दारचीनी का सेवन शरीर के इन्फ्लेमेशन को कम करता है, जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और धमनियों में जमा हुआ कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
तुलसी के पत्तों के फायदे
तुलसी के पत्ते आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। तुलसी में भी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर के इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं। यह दिल की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। तुलसी के पत्ते शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।
सर्दियों में काढ़ा पीने के फायदे
सर्दियों में यह काढ़ा अधिक फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इस मौसम में शरीर में इन्फ्लेमेशन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो सकती है। यह काढ़ा धमनियों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ इन्फ्लेमेशन और सूजन को भी कम करता है। इसके नियमित सेवन से दिल की सेहत मजबूत बनी रहती है और रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
स्वामी रामदेव द्वारा बताए गए इस काढ़े को नियमित रूप से पीने से दिल की धमनियों में रुकावट कम हो सकती है और दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है। अर्जुन की छाल, दारचीनी और तुलसी के पत्तों का संयोजन दिल और रक्त वाहिकाओं के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक का काम करता है। यदि आप दिल की बीमारियों से बचना चाहते हैं और अपनी सेहत को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो इस काढ़े को सर्दियों में जरूर अपनाएं।