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Delhi: बुराड़ी पटाखा फैक्ट्री में आग में झुलसे मजदूर की मौत, दो की हालत नाजुक

Delhi के बुराड़ी इलाके में स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में रविवार शाम को लगी भीषण आग ने चार मजदूरों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया। इस हादसे में एक मजदूर की सोमवार सुबह मौत हो गई, जबकि बाकी तीन मजदूरों में से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। फैक्ट्री के मालिक का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है और पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।

आग का कारण और घटना का विवरण

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार शाम करीब 4:30 बजे बुराड़ी के प्रधान एन्क्लेव इलाके में एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने की सूचना दमकल विभाग को मिली। जैसे ही सूचना मिली, मौके पर पांच दमकल गाड़ियाँ भेजी गईं, जिन्होंने दो घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया और चार जले हुए मजदूरों को फैक्ट्री से निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। आग इतनी भयंकर थी कि सभी मजदूर गंभीर रूप से जल गए थे, और उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत LN अस्पताल रेफर किया गया।

इस हादसे में दमकलकर्मियों को भी हल्की-फुल्की चोटें आईं, जिनका इलाज CAT एम्बुलेंस में मौजूद स्टाफ ने किया। फैक्ट्री के मालिक का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है और पुलिस ने इस मामले में उसकी गिरफ्तारी के लिए तलाश तेज कर दी है।

झुलसे हुए मजदूरों का हाल

हिमांशु, जो इस हादसे में 100 प्रतिशत जल गए थे, सोमवार सुबह करीब 6 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ गए। हिमांशु 27 वर्ष के थे और वह उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के रहने वाले थे। वह बुराड़ी में किराए के मकान में रहकर फैक्ट्री में काम करते थे। हिमांशु की मौत की खबर उनके परिवार को मिली तो वे सदमे में हैं। उनके परिवार ने बताया कि हिमांशु की मौत ने उनके घर को पूरी तरह से तोड़ दिया है और परिवार में शोक का माहौल है।

वहीं, इस हादसे में घायल हुए बाकी दो मजदूरों की हालत भी नाजुक बनी हुई है। अयोध्या के रहने वाले रवि प्रकाश और बिहार के विजय पांडे की हालत अभी भी गंभीर है। विजय की हालत इतनी खराब है कि परिवार ने उसे LN अस्पताल से सिफारिश कर सफदरजंग अस्पताल भेज दिया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।

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रवि प्रकाश की दर्दनाक कहानी

रवि प्रकाश की पत्नी रीमा ने बताया कि उन्होंने मई में ही अपने पति से शादी की थी। रवि ने केवल दो दिन पहले इस फैक्ट्री में काम करना शुरू किया था। रीमा ने बताया कि उन्होंने अपने पति को फैक्ट्री में काम करने से मना किया था, लेकिन रवि ने उनकी बात नहीं मानी और सिर्फ दो दिन में यह हादसा हो गया, जिससे उनका पति गंभीर रूप से घायल हो गया। रवि की पत्नी का कहना है कि अब उन्हें पछतावा हो रहा है कि उन्होंने अपने पति को फैक्ट्री में काम करने से क्यों नहीं रोका।

विजय पांडे का साहसिक कदम

विजय पांडे, जो बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं, इस हादसे में अपनी जान जोखिम में डालकर अपने साथियों की मदद करने गए थे। विजय फैक्ट्री में मैनेजर के तौर पर काम करते थे। जब फैक्ट्री में आग लगी, तो वे पहले सुरक्षित बाहर निकल गए थे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके साथी आग में झुलस रहे हैं, तो उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना फिर से फैक्ट्री में घुसकर अपने साथियों को बचाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप वे भी आग में झुलस गए।

विजय के भाई ने बताया कि विजय का यह कदम बहुत साहसिक था और उन्होंने खुद को खतरे में डालकर दूसरों की मदद की। अब विजय की हालत नाजुक है और उनका इलाज जारी है।

क्षेत्रीय लोग थे अंजान

बुराड़ी के प्रधान एन्क्लेव इलाके के निवासियों ने बताया कि उन्हें इस बात का कोई इल्म नहीं था कि यहां एक अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही है। क्षेत्र के लोगों ने कहा कि फैक्ट्री का दरवाजा अक्सर बंद रहता था और इसके ऊपर के फ्लोर पर लोग किराए पर रहते थे। यह पूरी घटना तब सामने आई जब आग ने भीषण रूप से अपना प्रकोप फैलाया। यह पता चला कि यह फैक्ट्री एक आवासीय क्षेत्र में बिना किसी अनुमति के चल रही थी और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था।

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इस घटना ने दिल्ली सरकार और पुलिस विभाग को एक बार फिर से अवैध फैक्टरियों और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता का एहसास दिलाया है।

पुलिस की कार्रवाई और फैक्ट्री मालिक की तलाश

इस हादसे के बाद पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वह फैक्ट्री के मालिक की तलाश कर रही है, जो फिलहाल फरार है। पुलिस ने यह भी बताया कि फैक्ट्री की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यहां काम कर रहे लोगों के लिए किस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्थाएं की गई थीं और किन कारणों से यह आग लगी। पुलिस ने इलाके के अन्य फैक्टरियों की भी जांच शुरू कर दी है ताकि इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

बुराड़ी की पटाखा फैक्ट्री में लगी आग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दिल्ली में अवैध फैक्टरियों का संचालन कितना खतरनाक हो सकता है। इस हादसे में दो लोगों की हालत गंभीर है और एक की मौत हो चुकी है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। साथ ही, फैक्ट्री मालिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कामकाजी स्थानों पर सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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