ताजा समाचार

Punjab news: लुधियाना नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस का संभावित गठबंधन, 1991 की पुनरावृत्ति

Punjab news: लुधियाना नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) के बहुमत से बाहर रहने के कारण नगर निगम हाउस का गठन दिलचस्प बन गया है। अब जिला बीजेपी ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की संभावना जताई है। जिला बीजेपी अध्यक्ष राजनिश धिमान ने दुगरी स्थित बीजेपी कार्यालय में पार्टी के नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा कि पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर स्थानीय सरकार का गठन करने के लिए तैयार है। इस रिपोर्ट को पंजाब बीजेपी के उच्च नेतृत्व के पास भेज दिया गया है। यदि हरी झंडी मिलती है, तो स्थानीय सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

लुधियाना नगर निगम के 95 वार्डों में से आम आदमी पार्टी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है, कांग्रेस ने 30 और बीजेपी ने 19 सीटें जीती हैं। इस स्थिति में, स्थानीय सरकार के गठन के लिए कई विकल्पों पर विचार हो रहा है। बीजेपी की ओर से अब यह निर्णय लिया गया है कि वे कांग्रेस के साथ मिलकर इस स्थानीय सरकार का गठन कर सकते हैं।

बीजेपी ने उच्च नेतृत्व को सौंपा निर्णय

बीजेपी की बैठक में राजनिश धिमान ने कहा कि नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी को जनता ने नकार दिया है। शहर में विकास बहुत धीमे हो रहा है, चाहे वह बुद्धा दरिया की सफाई का मुद्दा हो या विकास से संबंधित अन्य मुद्दे। आम आदमी पार्टी की सरकार इन मुद्दों पर नाकाम साबित हुई है। ऐसे में, बीजेपी ने यह विचार किया है कि आम आदमी पार्टी को स्थानीय सरकार के गठन से दूर रखा जाए और कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खोला जाए। बैठक में इस मुद्दे पर सभी पार्टियों से चर्चा की गई और पंजाब बीजेपी के उच्च नेतृत्व को स्थानीय सरकार के गठन की संभावना के बारे में जानकारी दी गई। अब बीजेपी उच्च नेतृत्व के निर्णय का इंतजार कर रही है, जिसके बाद स्थानीय सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Punjab news: लुधियाना नगर निगम में बीजेपी और कांग्रेस का संभावित गठबंधन, 1991 की पुनरावृत्ति

रवनीत बिट्टू की भूमिका

दूसरी ओर, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और रेलवे राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू का रोल भी अहम माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि रवनीत बिट्टू कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और उनके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते हैं। यदि पार्टी का उच्च नेतृत्व हरी झंडी देता है, तो बीजेपी और कांग्रेस के बीच की खाई को पाटा जा सकता है और दोनों पार्टियां मिलकर स्थानीय सरकार बना सकती हैं।

रवनीत बिट्टू की भूमिका इस गठबंधन में अहम हो सकती है क्योंकि वह कांग्रेस से आए हैं और उनके पास कांग्रेस नेताओं के साथ अच्छे रिश्ते हैं। उनके सक्रिय होने से बीजेपी और कांग्रेस के बीच के मतभेदों को कम करने में मदद मिल सकती है। इस तरह से दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना बढ़ सकती है, और स्थानीय सरकार के गठन के लिए नया प्रयोग किया जा सकता है।

1991 में कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी ने किया था महापौर का चुनाव

दिलचस्प बात यह है कि इस तरह का गठबंधन 1991 में भी हुआ था। 1991 में बीजेपी ने कांग्रेस के समर्थन से चौधरी सत्यप्रकाश को महापौर बनाने में सफलता हासिल की थी। उस समय भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक असामान्य गठबंधन हुआ था, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा थी। यह गठबंधन तब काम आया था जब कांग्रेस ने बीजेपी को महापौर बनाने का समर्थन किया था और बीजेपी ने कांग्रेस के साथ मिलकर नगर निगम का नेतृत्व किया था।

1991 में यह गठबंधन इसलिए किया गया था ताकि शहर के विकास के कार्यों को गति दी जा सके और बीजेपी को नगर निगम के नेतृत्व में एक स्थिरता मिले। आज के राजनीतिक परिपेक्ष्य में भी बीजेपी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना पर चर्चा हो रही है। इस गठबंधन से दोनों दलों के बीच के मतभेदों को दूर करने और शहर के विकास कार्यों को तेज करने में मदद मिल सकती है।

गठबंधन का राजनीतिक असर

बीजेपी और कांग्रेस का गठबंधन लुधियाना में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के बाद किया जा सकता है। आम आदमी पार्टी ने 41 सीटों के साथ चुनाव जीता है, लेकिन वह बहुमत हासिल करने में नाकाम रही है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपनी ताकत को एक साथ लाकर स्थानीय सरकार बनाने की संभावना जताई है। यह गठबंधन सिर्फ लुधियाना के नगर निगम में ही नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर भी राजनीतिक हलचलों का कारण बन सकता है।

बीजेपी और कांग्रेस के इस गठबंधन से पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं। कुछ लोग इसे राजनीतिक मजबूरी मान सकते हैं, जबकि कुछ इसे एक नया प्रयोग मान सकते हैं, जो शहर के विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गठबंधन का चुनावी परिणाम क्या होगा और यह गठबंधन किस हद तक स्थिर रहेगा।

स्थानीय सरकार गठन के संभावित परिणाम

अगर बीजेपी और कांग्रेस एक साथ मिलकर स्थानीय सरकार का गठन करते हैं, तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह हो सकता है कि दोनों पार्टियां शहर के विकास में तेजी ला सकती हैं। शहर में कई मुद्दे हैं, जिन पर काम करना जरूरी है, जैसे कि स्वच्छता, जलापूर्ति, ट्रैफिक व्यवस्था और शहर के अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्याएं। दोनों पार्टियों का गठबंधन इन मुद्दों पर कार्य करने के लिए एक मजबूत टीम बना सकता है।

हालांकि, यह गठबंधन सिर्फ स्थानीय सरकार तक सीमित रहेगा या इसका प्रभाव राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी होगा, यह समय ही बताएगा। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो यह भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच मतभेद होते हुए भी स्थानीय स्तर पर गठबंधन की आवश्यकता महसूस की जाती है।

लुधियाना नगर निगम के गठन में बीजेपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना ने एक नया राजनीतिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया है। यह गठबंधन 1991 में किए गए प्रयोग की तरह हो सकता है, जो शहर के विकास के लिए मददगार साबित हो सकता है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए यह एक नया राजनीतिक प्रयोग हो सकता है, जिसका परिणाम आने वाले समय में सामने आएगा।

Back to top button