ताजा समाचार

ED की छापेमारी में डेटा नकल पर Supreme Court का बड़ा फैसला

Supreme Court ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सांतियागो मार्टिन, जो कि प्रसिद्ध लॉटरी किंग के नाम से जाने जाते हैं, उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों पर की गई छापेमारी के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कि लैपटॉप और मोबाइल फोन से डेटा की नकल करने से रोक दिया है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर 2024 को फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मार्टिन की याचिका पर दिया।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब फ्यूचर गेमिंग और मार्टिन ने यह आरोप लगाया कि जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का डेटा एकत्र करना और उसे नकल करना उनकी गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम राहत प्रदान करते हुए जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे उपकरणों से डेटा की नकल नहीं कर सकतीं। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार, ED और उसके अधिकारियों को नोटिस जारी किया और इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी 2025 को तय की।

क्या था पूरा मामला?

सांतियागो मार्टिन के खिलाफ यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब मेघालय पुलिस ने फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ राज्य में अवैध तरीके से लॉटरी का कारोबार चलाने का आरोप लगाया। इसके बाद ED ने पिछले साल नवंबर में छह राज्यों में 22 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान ED ने लगभग 12.41 करोड़ रुपये की नकद राशि भी जब्त की। इसके अलावा, फ्यूचर गेमिंग द्वारा राजनीतिक दलों को 1,368 करोड़ रुपये का चंदा दिए जाने का भी खुलासा हुआ था, जो कि राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में आया था।

ED की छापेमारी में डेटा नकल पर Supreme Court का बड़ा फैसला

इस पूरी छापेमारी में ED ने आरोपियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए थे और उनका डेटा निकालने का प्रयास किया। लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने जो भी डेटा एकत्र किया, उसे लेकर फ्यूचर गेमिंग और मार्टिन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में निजी जानकारी जैसे कि वित्तीय विवरण, चिकित्सा रिकॉर्ड, पासवर्ड और रणनीतिक दस्तावेज़ होते हैं, जिनका दुरुपयोग हो सकता है।

Delhi News: बकरीद से पहले दिल्ली सरकार का एक्शन! ऊंट और गाय की कुर्बानी पर बैन, सरकार ने किया साफ-साफ ऐलान
Delhi News: बकरीद से पहले दिल्ली सरकार का एक्शन! ऊंट और गाय की कुर्बानी पर बैन, सरकार ने किया साफ-साफ ऐलान

गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन

फ्यूचर गेमिंग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जब्त किए गए उपकरणों से डेटा निकालने से उनके क्लाइंट के गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है। उनके मुताबिक, इन उपकरणों में ऐसी जानकारी होती है जो व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से महत्वपूर्ण होती है। इसमें बैंकिंग, वित्तीय डेटा और चिकित्सा जानकारी शामिल हैं, जो किसी भी व्यक्ति की निजता के लिए अत्यधिक संवेदनशील होते हैं।

फ्यूचर गेमिंग और मार्टिन का यह भी कहना था कि ये उपकरण किसी अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी भी रख सकते हैं, और ऐसे में डेटा निकालने से न सिर्फ उनके, बल्कि अन्य लोगों के अधिकारों का भी उल्लंघन हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और अंतरिम राहत

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए एक अंतरिम राहत प्रदान की। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले की पूरी सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक ED को इन उपकरणों का डेटा नकल करने से रोका जाए। इसके साथ ही, कोर्ट ने इस मुद्दे पर विस्तृत निर्देश जारी किए और आगे की सुनवाई की तारीख 17 फरवरी 2025 को निर्धारित की। इस आदेश के बाद अब जांच एजेंसियों को किसी भी मामले में आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा निकालने से पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी होगी।

इस आदेश ने जांच एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश की है। अब उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब वे किसी भी आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त करें, तो उनकी गोपनीयता का उल्लंघन न हो और डेटा की नकल करते समय उनके मौलिक अधिकारों का सम्मान किया जाए।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की स्थिति

ED के सूत्रों के अनुसार, उन्हें इस आदेश का ज्ञान हो चुका है। उनका कहना है कि डिजिटल रिकॉर्ड्स के अलावा, उनके पास अन्य विश्वसनीय प्रमाण भी मौजूद हैं जो मामले को सही दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। ED के अधिकारियों ने यह भी बताया कि छापेमारी के दौरान प्राप्त अन्य प्रमाणों के आधार पर वे जांच जारी रखेंगे।

IND vs ENG: IPL के धुरंधरों को मिला टेस्ट टीम में मौका, क्या नई टीम इंग्लैंड में कर पाएगी कमाल?
IND vs ENG: IPL के धुरंधरों को मिला टेस्ट टीम में मौका, क्या नई टीम इंग्लैंड में कर पाएगी कमाल?

हालांकि, इस आदेश के बाद ED को अपनी जांच प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता होगी। अब उन्हें किसी भी जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों से डेटा निकालने के लिए अदालत से अनुमति प्राप्त करनी होगी, जो जांच के लिए एक नई चुनौती होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का प्रभाव

यह आदेश न केवल सांतियागो मार्टिन और फ्यूचर गेमिंग के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अन्य मामलों में भी इसका प्रभाव पड़ेगा। जब जांच एजेंसियां किसी मामले में आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त करती हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आरोपी की गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रही हैं। इससे अन्य मामलों में भी डिजिटल उपकरणों की जब्ती और डेटा निकालने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

इस आदेश से यह स्पष्ट होता है कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी व्यक्ति की निजता और अधिकारों को लेकर बेहद संवेदनशील है और जांच एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे रहा है कि वे अपनी जांच के दौरान किसी भी आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न करें।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। अब जब भी वे किसी आरोपी के डिजिटल उपकरणों को जब्त करेंगे, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि वे गोपनीयता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रहे हैं। यह आदेश न केवल सांतियागो मार्टिन और फ्यूचर गेमिंग के लिए, बल्कि सभी आरोपियों के लिए एक राहत का कारण बनेगा। सुप्रीम कोर्ट की यह पहल डिजिटल गोपनीयता और मौलिक अधिकारों की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

Back to top button