ताजा समाचार

Digital personal data protection: बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के लिए अब माता-पिता की अनुमति होगी जरूरी

Digital personal data protection: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लंबे इंतजार के बाद डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा नियम, 2025 का ड्राफ्ट जारी किया। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल निजी डेटा संरक्षण अधिनियम का मसौदा पेश किया। आपको बता दें कि यह कानून सरकार ने अगस्त 2023 में संसद में पेश किया था। सरकार ने इस ड्राफ्ट पर जनता की राय 18 फरवरी 2025 तक मांगी है। डिजिटल निजी डेटा संरक्षण अधिनियम पर फीडबैक MyGov.in पर दिया जा सकता है। फीडबैक मिलने के बाद सरकार इस पर विचार करेगी।

18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया नियम कड़े होंगे

डिजिटल निजी डेटा संरक्षण अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए अपने माता-पिता से अनुमति लेनी होगी। यह ड्राफ्ट बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के निजी डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े उपायों को लागू करने पर जोर देता है। इस कदम का उद्देश्य बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ाना है।

फीडबैक गोपनीय रखा जाएगा

डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा नियमों के तहत, डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड, बोर्ड चेयरपर्सन और अन्य सदस्यों की सेवा शर्तों को स्पष्ट करने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि ड्राफ्ट पर प्राप्त फीडबैक को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

डेटा उल्लंघन की सूचना देना अनिवार्य

नियमों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के निजी डेटा का उल्लंघन होता है, तो सोशल मीडिया संस्थाओं, वित्तीय संस्थानों या वेबसाइटों को उस व्यक्ति को इसके बारे में सूचित करना होगा। साथ ही, इन संस्थानों को उल्लंघन के प्रकार, समय और स्थान की जानकारी भी देनी होगी। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताना होगा कि उल्लंघन के क्या परिणाम हो सकते हैं और इसे रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

PSL 2025: मोहम्मद रिजवान की टीम जीत के लिए तरस रही! प्लेऑफ में पहुंचना मुश्किल
PSL 2025: मोहम्मद रिजवान की टीम जीत के लिए तरस रही! प्लेऑफ में पहुंचना मुश्किल

डिजिटल टोकन का उपयोग होगा अनिवार्य

डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा नियमों के तहत, जिन संस्थानों पर बच्चों का निजी डेटा इकट्ठा करने और प्रबंधन की जिम्मेदारी होगी, उन्हें बच्चों के डेटा को संभालने से पहले उनके माता-पिता से अनुमति लेनी होगी। यह अनुमति डिजिटल टोकन के माध्यम से ली जाएगी। मतलब, अगर कोई 18 साल से कम उम्र का बच्चा सोशल मीडिया अकाउंट खोलता है, तो संस्था को अब उस बच्चे के माता-पिता से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

Digital personal data protection: बच्चों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने के लिए अब माता-पिता की अनुमति होगी जरूरी

शैक्षिक और बाल कल्याण संस्थाओं को मिलेगी छूट

डिजिटल निजी डेटा ड्राफ्ट नियमों में शैक्षिक संस्थानों और बाल कल्याण संगठनों के लिए नियमों में छूट का भी प्रावधान है। ड्राफ्ट में यह भी उल्लेख है कि सहमति प्रबंधकों को डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड के साथ पंजीकृत किया जाएगा, जिनकी कुल संपत्ति कम से कम 12 करोड़ रुपये होनी चाहिए।

डेटा प्रबंधन और पारदर्शिता का उद्देश्य

डिजिटल निजी डेटा संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और डेटा उल्लंघन से जुड़े जोखिमों को कम करना है। इस कानून के माध्यम से डेटा सुरक्षा के महत्व को बढ़ावा देने और संस्थानों की जिम्मेदारी को सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है।

RVUNL JE Result 2025: RVUNL JE और जूनियर केमिस्ट परीक्षा परिणाम घोषित, चेक करें अपना स्कोर
RVUNL JE Result 2025: RVUNL JE और जूनियर केमिस्ट परीक्षा परिणाम घोषित, चेक करें अपना स्कोर

सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए नए नियम

डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। सोशल मीडिया पर बच्चों की बढ़ती सक्रियता के कारण यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनका डेटा सुरक्षित रहे। माता-पिता की सहमति से ही बच्चों का सोशल मीडिया अकाउंट खोलना और उनका डेटा प्रबंधन करना अब कानून के दायरे में आएगा।

भविष्य में होगा बदलाव

डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा नियम, 2025 का उद्देश्य सिर्फ डेटा प्रबंधन को बेहतर बनाना नहीं है, बल्कि यह समाज में डेटा सुरक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता भी फैलाना है। सरकार द्वारा इस कानून के जरिए देश में डिजिटल युग के लिए सुरक्षित और पारदर्शी वातावरण तैयार करने की कोशिश की जा रही है।

डिजिटल निजी डेटा सुरक्षा नियम, 2025 का ड्राफ्ट एक महत्वपूर्ण कदम है जो बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इसके माध्यम से डेटा प्रबंधन और पारदर्शिता में सुधार होने की उम्मीद है। माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाना और संस्थानों की जिम्मेदारी तय करना इस ड्राफ्ट के अहम बिंदु हैं। जनता की राय के आधार पर सरकार इस मसौदे को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगी।

Back to top button