EV fast charging stations: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार का बड़ा कदम, 15 महीनों में 72,000 फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे
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EV fast charging stations: इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए भारत में सरकार कई कदम उठा रही है। इसके बावजूद, आज भी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, जैसे-जैसे EVs का बाजार बढ़ रहा है, इसके लिए चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने एक अहम कदम उठाया है, जिसके तहत अगले 15 महीनों में देशभर में 72,000 फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इस योजना का नाम है PM E-Drive Scheme, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है।
PM E-Drive Scheme के तहत फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना
इस योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य अगले 15 महीनों में देशभर में 72,000 फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है। इनमें से 48,400 चार्जिंग स्टेशन इलेक्ट्रिक दोपहिया और तीनपहिया वाहनों के लिए होंगे, जबकि 22,100 स्टेशन इलेक्ट्रिक कारों के लिए निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा, 1800 फास्ट चार्जिंग स्टेशन हाईवे पर ट्रकों और बसों के लिए स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के तहत, उन 40 प्रमुख शहरों को चयनित किया गया है, जहां इलेक्ट्रिक कारों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है और जहां इन शहरों में चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता अधिक है।
इसके अलावा, सरकार ने ऐसे हाईवे और गलियारों को भी चिन्हित किया है, जिनपर ट्रक और बसें बड़ी संख्या में चलती हैं। इन हाईवे पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, ताकि इलेक्ट्रिक ट्रकों और बसों की सुविधा भी सुनिश्चित की जा सके।
सरकार द्वारा सब्सिडी की घोषणा
इस योजना के तहत, सरकार फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए एक सब्सिडी भी प्रदान करेगी। इस योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि इस राशि का उपयोग करके देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक मजबूत चार्जिंग नेटवर्क तैयार किया जा सके। इसके अलावा, यह योजना मार्च 2026 तक वैध रहेगी। योजना की अधिसूचना सितंबर 2024 में जारी की गई थी और अब मंत्रालय ने सभी राज्यों को फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए दिशानिर्देश भेज दिए हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोग
इस योजना की सफलता के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग बेहद आवश्यक है। राज्यों को स्थानीय निकायों के सहयोग से चार्जिंग स्टेशन के लिए उपयुक्त स्थल चिन्हित करने होंगे। इसके साथ ही, अन्य नियमों और आवश्यकताओं का पालन भी किया जाएगा। विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय की बिजली विभाग के साथ साझेदारी होगी। मंत्रालय ने पंजाब और बंगाल जैसे राज्यों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए नियमों और निविदाओं का भी प्रसार किया है।
चार्जिंग स्टेशन के लिए आवश्यक जगह
फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व जगह (स्पेस) है। मंत्रालय के अनुसार, शहरों में कारों के चार्जिंग स्टेशन के लिए 60 वर्ग मीटर की जगह की आवश्यकता होगी। वहीं, बसों के लिए 300 वर्ग मीटर की जगह चाहिए। वहीं, दोपहिया और तीनपहिया वाहनों के चार्जिंग स्टेशन 40 से 60 वर्ग मीटर के क्षेत्र में स्थापित किए जा सकते हैं।
इलेक्ट्रिक ट्रकों का आना भी संभव
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और अब इलेक्ट्रिक ट्रकों का भी आना सुनिश्चित है। 2024 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, और 99,000 यूनिट्स की बिक्री की गई है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या भी बढ़ रही है, खासकर दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में। इलेक्ट्रिक ट्रकों और बसों के आगमन से परिवहन क्षेत्र में भी एक नया बदलाव देखने को मिल सकता है।
मुख्य शहर जहां इलेक्ट्रिक कारों के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे
केंद्र सरकार ने उन 40 प्रमुख शहरों की सूची तैयार की है, जहां इलेक्ट्रिक कारों के लिए फास्ट चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इन शहरों में दिल्ली के साथ-साथ मुंबई, बेंगलुरु, लखनऊ, कानपुर, इंदौर, लुधियाना, पटना, भोपाल, चंडीगढ़, रायपुर, नागपुर और देहरादून शामिल हैं। इन शहरों में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार बढ़ता जा रहा है और यहां चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता महसूस हो रही थी।
हाईवे और गलियारों पर फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना
फास्ट चार्जिंग स्टेशन केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि प्रमुख हाईवे और गलियारों पर भी स्थापित किए जाएंगे। इनमें दिल्ली-आगरा, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जयपुर, इंदौर-भोपाल, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-मनाली और दिल्ली-अमृतसर जैसे हाईवे शामिल हैं। इन हाईवे पर ट्रक और बसों का परिचालन काफी अधिक होता है, और इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते हुए लाभ
भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के साथ-साथ, इन वाहनों के कई फायदे भी सामने आ रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों से पर्यावरण को फायदा होता है क्योंकि ये वाहनों से होने वाली प्रदूषण में कमी आती है। इसके अलावा, इन वाहनों का संचालन सस्ता होता है क्योंकि इनकी मेंटेनेंस और ऊर्जा खर्च कम होते हैं।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों से निश्चित ही एक सकारात्मक बदलाव आएगा। फास्ट चार्जिंग स्टेशन की स्थापना से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी और परिवहन क्षेत्र में सुधार होगा। साथ ही, इस योजना से भारत को एक स्थिर और पर्यावरण मित्र परिवहन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का अवसर मिलेगा।
सरकार का यह कदम भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को एक नई दिशा देगा और आने वाले वर्षों में इसका प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकेगा।