Punjab news: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक, डॉक्टरों की टीम सतर्क
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Punjab news: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो खनौरी बॉर्डर पर 43 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे, उनकी हालत सोमवार आधी रात को अचानक बिगड़ गई। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उनका इलाज शुरू किया। उनका ब्लड प्रेशर 80/56 तक गिर गया था, जिसके कारण उनकी स्थिति गंभीर हो गई।
तबीयत बिगड़ने के बाद उठाए गए कदम
डॉक्टरों की टीम ने डल्लेवाल के हाथ-पैर मसलने और उन्हें चलाने की कोशिश की। करीब 1 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उनकी स्थिति सामान्य हो सकी। इस दौरान, मौके पर मौजूद किसानों ने “सतनाम वाहेगुरु” का जाप शुरू किया, जिससे माहौल में सकारात्मक ऊर्जा बनी रही।
डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर बार-बार घट-बढ़ रहा है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उनके पैर ऊंचे किए गए और लगातार मालिश की जा रही है।
डॉक्टरों का बयान
डॉ. स्वैमन की टीम के प्रमुख डॉ. पेट प्रीतपाल ने बताया कि डल्लेवाल की तबीयत शाम 7 बजे से ही खराब होने लगी थी। तब से उनका ब्लड प्रेशर लगातार घट-बढ़ रहा है। डॉक्टरों की टीम हर पल उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हरसंभव प्रयास कर रही है कि उनकी स्थिति स्थिर बनी रहे।
सुप्रीम कोर्ट कमेटी ने की मुलाकात
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने किसान नेता डल्लेवाल से मुलाकात की। इस दौरान डल्लेवाल ने कहा कि यदि केंद्र सरकार किसानों की मांगें मान ले, तो उन्हें किसी भी तरह के चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वह तुरंत अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर देंगे।
कमेटी के प्रमुख, रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह, ने खनौरी पहुंचकर डल्लेवाल से बातचीत की। इस मुलाकात के दौरान, जस्टिस नवाब सिंह ने बताया कि समिति के सदस्यों ने डल्लेवाल को दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर शुभकामनाएं दीं।
केंद्र सरकार से मांगें पूरी होने की उम्मीद
किसान नेता डल्लेवाल की भूख हड़ताल किसानों की मांगों को लेकर है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगे पूरी करती है, तो वह तुरंत अपना अनशन समाप्त कर देंगे। किसान संगठनों का कहना है कि उनकी मांगों को लेकर केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
राष्ट्रपति से मुलाकात का समय नहीं मिला
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के संगठनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय मांगा था, लेकिन राष्ट्रपति भवन ने समय की कमी का हवाला देकर इसे असंभव बताया। SKM ने इस पर गहरा खेद जताया है और कहा है कि प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट की ओर से गतिरोध समाप्त न करने के कारण अब राष्ट्रपति से अपील करना ही एकमात्र विकल्प था।
किसान आंदोलन का महत्व
किसान आंदोलन पिछले कई सालों से किसानों के अधिकारों और उनकी मांगों के लिए चल रहा है। डल्लेवाल जैसे नेता इस आंदोलन के प्रमुख चेहरा बनकर उभरे हैं। उनका यह अनशन किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उजागर कर रहा है।
डल्लेवाल की तबीयत के पीछे कारण
डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ने का मुख्य कारण लगातार भूखा रहना और शरीर में पोषण की कमी बताया जा रहा है। डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता लेने की सलाह दी है, लेकिन डल्लेवाल का कहना है कि उनकी लड़ाई किसानों के हक के लिए है और जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, वह पीछे नहीं हटेंगे।
किसानों की मांगें
किसानों की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी।
- कृषि कानूनों को लेकर किसानों के सभी मसलों का समाधान।
- किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना।
- किसानों के लिए बेहतर सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा।
जनता की प्रतिक्रिया
डल्लेवाल के इस साहसिक कदम की सराहना हो रही है। उनके समर्थन में न केवल किसान बल्कि देश के अन्य वर्गों से भी लोग जुट रहे हैं। सोशल मीडिया पर डल्लेवाल के समर्थन में हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं और लोग उनकी स्थिति को लेकर चिंता जता रहे हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का यह संघर्ष न केवल किसानों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। उनकी निष्ठा और दृढ़ता यह दर्शाती है कि जब तक समाज के आखिरी व्यक्ति को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक इस प्रकार के आंदोलन जारी रहेंगे।
डल्लेवाल की स्थिति गंभीर है और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को लेकर क्या कदम उठाती है। देशभर के लोग अब सरकार से जल्द से जल्द इस मामले में उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।