गुरुग्राम में पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चन्द्राकार को श्रद्धांजलि देकर उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन।
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सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज:
छत्तीसगढ़ राज्य के होनहार युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले को लेकर देश भर के पत्रकारों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है। हालांकि पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सुरेश चंद्राकर को विशेष जांच दल के द्वारा हैदराबाद से गिरफ़्तार कर लिया गया है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ उसकी हत्या काफी बेरहमी से की गई है।
बता दें की युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर 120 करोड़ के घोटाले की पोल खोल दी थी। जिसकी कीमत उसे अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी। इसी को लेकर गुरुग्राम के पत्रकारों ने एकत्रित होकर काली पट्टी बांधकर रोष प्रकट किया और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को धराशायी होने से बचाने के लिए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त को ज्ञापन दिया। इस अवसर पर जिला उपायुक्त अजय कुमार ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रवीन कुमार, मनप्रीत कौर, रमाकांत उपाध्याय,अखिलेश शर्मा, विजेंद्र कुमार, अनुज कुमार,आलोक उपाध्याय, योगेश जांगड़ा,अर्जुन सैनी, सुरेंद्र, योगेश सैनी, कुमकुम, अभिषेक कुमार, रोहित पंचाल,गीतिका,काजल, अफसाना,पंकज पांडेय, पूनम समेत पत्रकार समाज के अनेक सदस्य मौजूद रहे। लेकिन देखना ये होगा की लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को धराशाई होने से बचने के लिए क्या सरकार के द्वारा सख्त कदम उठाएगी उसपर सवाल खड़े होते हैं।
वहीं गुरुग्राम के एक वरिष्ठ पत्रकार ने इस घटना की निन्दा करते हुए कहा कि जीवन मृत्यु भगवान के हाथ में होती है,लेकिन हादसा दुर्घटना को रोकना सरकार की जिम्मेदारी है। वहीं उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि गुरुग्राम के पत्रकारों में एक जुटता की कमी है, इनमें कुछ पत्रकार छुटभैय्ए भैया नेताओं की जी हजूरी में लगे रहते हैं,जिस वजह से वे सच्ची पत्रकारिता ना करके उनके फर्जी बयानों को ही लिखते रहते हैं,जिसका खामियाजा अन्य पत्रकारों को भी भुगतना पड़ रहा है। इसी वजह से ही भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
पत्रकार मुकेश तो चढ़ गया भ्रष्टाचार की भेंट गुरुग्राम के करेंगे हिम्मत? कौशिक
वहीं गुरुग्राम के बुजुर्ग वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक आरपी कौशिक ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार मनोज चंद्राकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि युवा पत्रकार तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, लेकिन गुरुग्राम के पत्रकार भी नगर निगम गुरुग्राम, शिक्षा विभाग, एचएसवीपी,गुरुग्राम पुलिस, पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, बी एंड आर, डीटीपी सहित अन्य विभागों में फैला व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की आवाज उठाने की हिम्मत कर पाएंगे। यहां के पत्रकारों में तो यह बात देखने में आई है कि अधिकारियों की केवल जी हजूरी वाहवाही की ही खबरें छापने में अपनी शान समझते हैं। वहीं भ्रष्ट नेताओं की तो छोटे से किसी लालच के चक्कर में भ्रष्टाचार करने पर भी मौन बने रहते हैं।