Devkinandan Thakur Demand: कुंभ से बनेगा सनातन बोर्ड का रास्ता! कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने पाकिस्तान और बांगलादेश को लेकर कही बड़ी बात
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Devkinandan Thakur Demand: प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, जो वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हैं, ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने आशा जताई कि प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ सनातन बोर्ड को समर्पित होगा। देवकीनंदन ठाकुर ने इसे हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया और इस पर अपनी उम्मीद जताई।
देवकीनंदन ठाकुर की सनातन बोर्ड की मांग
देवकीनंदन ठाकुर ने यह बयान आज तक न्यूज चैनल से बात करते हुए दिया। दरअसल, महाकुंभ प्रयागराज के जिस स्थान पर हो रहा है, उस पर वक्फ बोर्ड का दावा किया गया था। इस मुद्दे पर देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि पाकिस्तान सनातनियों का है, अफगानिस्तान सनातनियों का है, बांगलादेश भी सनातनियों का है। यहां तक कि आसपास के देश सनातनियों के द्वारा दी गई दान, बलिदान और भाईचारे पर निर्भर हैं। आज ये मुस्लिम देश बन गए हैं, लेकिन उनका असली मालिकाना अधिकार सनातनियों का है।
देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी कहा, “हम सनातन बोर्ड की मांग करते हैं और इस महाकुंभ को सनातन बोर्ड द्वारा ही दिया जाएगा। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी साधु-संत और महात्मा इस सनातन बोर्ड के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रयास चल रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि यह महाकुंभ सनातन बोर्ड को मिलेगा।” इसके अलावा, उन्होंने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक फोटो भी पोस्ट की, जिसमें लिखा था, “सभी की निगाहें सनातन बोर्ड पर।”
सनातन बोर्ड और वक्फ बोर्ड का अंतर
देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड की मांग करते हुए कहा कि जैसे वक्फ बोर्ड की संरचना है, उसी तरह सनातन बोर्ड भी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को देश के मंदिरों पर नियंत्रण नहीं रखना चाहिए और सनातन बोर्ड की आवश्यकता अब पूरी तरह से महसूस हो रही है। उनके अनुसार, सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार और सुरक्षा सनातन बोर्ड के माध्यम से किया जा सकता है। यह एक ऐसा कदम होगा जो हिंदू समाज की समस्याओं को हल कर सकेगा और धर्म की रक्षा में मदद करेगा।
उन्होंने कहा, “महाकुंभ का आयोजन सनातन बोर्ड द्वारा किया जाएगा और यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सनातन बोर्ड का गठन हो, ताकि देश में सनातन धर्म के अनुयायी अपनी धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा कर सकें।”
महाकुंभ और धर्म संसद का आयोजन
महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 26 फरवरी 2025 को समाप्त होगा। इस दौरान धर्म संसद का आयोजन 27 जनवरी 2025 को किया जाएगा, जिसमें सनातन बोर्ड का मुद्दा प्राथमिकता से उठाया जाएगा। इस अवसर पर, देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि यह मंच सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक अहम अवसर होगा, जहां वे अपनी आवाज उठा सकते हैं और सनातन बोर्ड की मांग को सरकार के सामने रख सकते हैं।
धर्म संसद के दौरान सनातन बोर्ड के गठन और उसके महत्व पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी कहा कि महाकुंभ में सभी धर्माचार्य और संत एकजुट होकर सनातन धर्म के मुद्दे पर आवाज उठाएंगे और सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए प्रयास करेंगे।
देवकीनंदन ठाकुर का सोशल मीडिया पोस्ट
देवकीनंदन ठाकुर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “संगम के तट पर सनातन शंखनाद होगा, हिंदू समाज की आवाज धर्म संसद में उठेगी। चलिए महाकुंभ प्रयागराज में, 27 जनवरी 2025 को।” इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने सनातन धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया और समाज के अन्य वर्गों से भी सनातन धर्म के समर्थन में आगे आने की अपील की।
उन्होंने इस पोस्ट में महाकुंभ के आयोजन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बात साझा की, जिसमें सनातन धर्म के अनुयायी और संत एकजुट होकर सनातन बोर्ड की स्थापना के लिए संघर्ष करेंगे। यह संदेश उनके अनुयायियों के बीच एक नई ऊर्जा का संचार करने वाला है, जो सनातन धर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सनातन बोर्ड की आवश्यकता और भविष्य
देवकीनंदन ठाकुर का मानना है कि सनातन धर्म के अनुयायी देश में अपने धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक संगठित प्रणाली चाहते हैं। सनातन बोर्ड का गठन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड की तरह एक मजबूत और प्रभावी बोर्ड का गठन सनातन धर्म की रक्षा और प्रचार के लिए किया जा सकता है।
सनातन बोर्ड की स्थापना से यह उम्मीद जताई जा रही है कि यह देशभर में मंदिरों और धर्मस्थलों के संचालन में सरकार की उपस्थिति को कम करेगा और हिंदू धर्म के अनुयायियों को उनके धार्मिक अधिकारों की स्वतंत्रता प्रदान करेगा।
देवकीनंदन ठाकुर का यह बयान सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। सनातन बोर्ड की मांग एक ऐसे समय में उठाई जा रही है, जब देशभर में धर्म और संस्कृति को लेकर बहस जारी है। महाकुंभ का आयोजन इस मामले में एक ऐतिहासिक मौका साबित हो सकता है, जहां सनातन धर्म के अनुयायी अपनी आवाज उठाकर सरकार के सामने अपनी मांग रख सकते हैं। देवकीनंदन ठाकुर के नेतृत्व में इस मुद्दे पर बहस और चर्चा तेज हो सकती है और यह तय किया जा सकता है कि सनातन धर्म की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक नया रास्ता बने।