CM Yogi: कौन से देश के पीएम ने महाकुंभ में गंगा देख कर आंसू बहाए, मुख्यमंत्री योगी ने अब क्यों सुनाई यह कहानी
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CM Yogi: प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। त्रिवेणी संगम और तीर्थ स्थल की पवित्र भूमि पर इस ऐतिहासिक महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, और तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सर्दी के इस मौसम में, देश-विदेश के साधु-संतों का एक भव्य जलसा प्रयागराज में सज रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज प्रशासन महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप देने के लिए जोर-शोर से जुटे हुए हैं। इसी बीच, आजतक के धर्म संसद कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों को लेकर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री का संतों और श्रद्धालुओं को सेवा देने का संकल्प
धर्म संसद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि महाकुंभ के अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में मैं यहां आने वाले संतों और श्रद्धालुओं की सेवा कर रहा हूं।” उन्होंने कहा, “यह भगवान की कृपा है कि एक साल पहले श्री राम लला को अयोध्या में स्थापित किया गया, जिसने 500 वर्षों की प्रतीक्षा को समाप्त किया और महाकुंभ का आयोजन एक ऐसे समय पर हो रहा है, जब 144 वर्षों के बाद यह अवसर आया है।”
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मत्रियों के माध्यम से निमंत्रण भेजने के बारे में बात करते हुए कहा, “उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से लोग यहां नहीं आ सके, लेकिन महाकुंभ में एकता और अखंडता की तस्वीर जरूर देखने को मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा, “साधु-संत और श्रद्धालु देश के कोने-कोने से प्रयागराज में मौजूद होंगे।”
प्रधानमंत्री मोदी और महाकुंभ में क्यूं महत्वपूर्ण हैं, जानिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “प्रयागराज में आने वाले 45 दिनों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी जनसंख्या त्रिवेणी संगम में स्नान करेगी।” मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि बीजेपी ने महाकुंभ को राजनीतिक कार्यक्रम से जोड़ा है। जिन्होंने इससे पहले इसे गंदगी और अव्यवस्था के रूप में देखा, अब उन्होंने इसे नया रूप और सम्मान दिया है।”
महाकुंभ 2013 में कैसा था स्थिति?
मुख्यमंत्री ने 2013 के महाकुंभ की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा, “2013 में महाकुंभ के दौरान स्थिति बहुत खराब थी। उस समय मॉरीशस के प्रधानमंत्री यहां गंगा में डुबकी लगाने के लिए आए थे, लेकिन यहां की गंदगी और अव्यवस्था को देखकर उन्होंने दुखी होकर कहा था, ‘क्या यही गंगा है?’ यह शब्द बहुत ही चिंताजनक थे, और इसने हमें एहसास दिलाया कि हमारी संस्कृति और आस्था को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ को नए तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए।”
महाकुंभ में मॉरीशस के पीएम की गंगा में डुबकी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत-मॉरीशस रिश्तों पर भी जोर दिया और कहा कि मॉरीशस के लोग गंगा की यादों को संजोकर रखते हैं। उन्होंने कहा, “मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने वाराणसी में गंगा स्नान करने के बाद हमें संगम में स्नान करने का अनुरोध स्वीकार किया। उन्होंने 450 लोगों के साथ प्रयागराज आकर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई। यह एक ऐतिहासिक पल था, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।”
गंगा तालाब और भारत-मॉरीशस संबंध
मुख्यमंत्री ने भारत-मॉरीशस के बीच मजबूत रिश्तों का जिक्र करते हुए बताया कि मॉरीशस के लोगों ने गंगा की यादों को ‘गंगा तालाब’ के रूप में संजोकर रखा है। यह कदम हमारे दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्तों को और भी प्रगाढ़ करता है।
महाकुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता
महाकुंभ के आयोजन को लेकर योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और परंपराओं का महत्वपूर्ण प्रतीक भी है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष में होता है, और इस दौरान लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पापों से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं। इस अवसर पर विश्वभर से साधु-संत, आस्थावान लोग और तीर्थ यात्री यहां आते हैं।
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन की तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही चिकित्सा सुविधाओं, सफाई व्यवस्था और यातायात प्रबंधन के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालु महाकुंभ में बिना किसी कठिनाई के भाग ले सकें।
महाकुंभ का आयोजन एक ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर है, जो केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, महाकुंभ का आयोजन अब पहले से अधिक भव्य, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। यह आयोजन न केवल हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की एकता और अखंडता को भी दर्शाता है। योगी आदित्यनाथ का यह वक्तव्य महाकुंभ के महत्व को और भी अधिक प्रकट करता है और दर्शाता है कि यह आयोजन देशवासियों के लिए एक दिव्य और गौरवमयी अवसर है।