Jagdeep Dhankhar On Paper Leak: “भारत में पेपर लीक उद्योग का निर्माण हो चुका है, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान”
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Jagdeep Dhankhar On Paper Leak: भारत में पेपर लीक की समस्या दिनों दिन गंभीर होती जा रही है। यह केवल एक गंभीर भ्रष्टाचार का मामला नहीं बल्कि एक उद्योग का रूप ले चुका है, जैसा कि भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में कहा। उनका कहना है कि पेपर लीक को रोका जाना चाहिए क्योंकि यह एक व्यापार बन चुका है, और यदि परीक्षा के पेपर लीक होते हैं तो चयन की निष्पक्षता का कोई मतलब नहीं रह जाता।
पेपर लीक: एक नया उद्योग
उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि पेपर लीक अब केवल एक समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह एक तरह का उद्योग बन चुका है, जो कई लोगों के लिए एक व्यवसाय का रूप ले चुका है। उनका यह बयान भारतीय समाज में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता का इजहार करता है। उन्होंने कहा कि यह एक बुरी प्रवृत्ति है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए ताकि भारतीय युवाओं का भविष्य सुरक्षित रह सके।
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल, 2024 का समर्थन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए Public Examination (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 का स्वागत किया। इस बिल का उद्देश्य परीक्षा में अनुचित साधनों को रोकना और पेपर लीक की घटनाओं को नियंत्रित करना है। उन्होंने सरकार की इस पहल की सराहना की, लेकिन साथ ही चिंता जताई कि छात्र आज दो तरह के डर का सामना कर रहे हैं – एक तो परीक्षा का डर और दूसरा पेपर लीक का डर।
पेपर लीक से छात्रों में निराशा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को महीनों तक कड़ी मेहनत करने के बाद जब यह पता चलता है कि उनका परीक्षा पेपर लीक हो गया है, तो यह उनके लिए एक बहुत बड़ा झटका होता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति छात्रों के लिए अत्यंत निराशाजनक और हतोत्साहक है। छात्रों की मेहनत का फल उन्हें पेपर लीक जैसी घटनाओं से नहीं मिल पाता, जिससे उनका आत्मविश्वास और भविष्य दोनों प्रभावित होते हैं।
पेपर लीक पर मोदी सरकार की आलोचना
भारत में पेपर लीक की समस्या अब इतनी बढ़ गई है कि इसकी घटनाओं को अब सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जाने लगा है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी पेपर लीक के मामले में मोदी सरकार को निशाने पर लिया। 3 जनवरी को उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) युवाओं के भविष्य से खेल रही है और उन्हें विधिक न्याय नहीं मिल रहा है।
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार सरकारी भर्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रही है। उनका कहना था कि पहले तो सरकारी नौकरियों के लिए कोई भर्ती प्रक्रिया ही नहीं होती, और जब भर्ती के लिए विज्ञापन निकलते हैं, तो परीक्षा समय पर आयोजित नहीं की जाती। अगर परीक्षा होती भी है, तो पेपर लीक हो जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब युवा इन समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उनकी आवाज को कुचल दिया जाता है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह पूरी स्थिति युवाओं के लिए अन्यायपूर्ण है और इससे उनकी उम्मीदें और भविष्य बर्बाद हो रहे हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार युवाओं की आवाज दबाती है और उन्हें न्याय नहीं देती।
पेपर लीक के मुद्दे पर विपक्षी दलों का विरोध
भारत में पेपर लीक के मामलों ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। कई विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और धरने दिए हैं। वे यह आरोप लगा रहे हैं कि सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार के कारण युवाओं का भविष्य खतरे में है।
भारत में पेपर लीक की घटनाएं और उनके प्रभाव
भारत में पेपर लीक की घटनाएं अब इतने बड़े पैमाने पर हो रही हैं कि यह राष्ट्रीय समस्या बन गई है। जहां एक ओर यह छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इसने सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं।
भारत में पेपर लीक की बढ़ती घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान कि पेपर लीक अब एक उद्योग बन चुका है, इस गंभीर मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यदि यह समस्या समय रहते नहीं सुलझाई गई, तो यह भारतीय शिक्षा और सरकारी भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को और अधिक कमजोर कर सकती है।
सरकार को चाहिए कि वह इस पर ठोस कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके और परीक्षा की निष्पक्षता बनी रहे।