Bihar Assembly Elections: कांग्रेस और राजद के बीच सस्पेंस! बिहार विधानसभा चुनाव में किसका होगा राज?

Bihar Assembly Elections को लेकर राजनीतिक गर्माहट बढ़ने लगी है और इस बीच महागठबंधन में शह और मात का खेल शुरू हो गया है। राजद के नेतृत्व में महागठबंधन लगातार बैठकें कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। पटना में हुई बैठक में पशुपति पारस का साथ जुड़ा है जबकि मुकेश साहनी का रुख भी स्पष्ट है।
समन्वय समिति की गठन
पटना में हुई महागठबंधन की बैठक में यह तय हुआ कि एक समन्वय समिति बनाई जाएगी जिसका अध्यक्ष तेजस्वी यादव होंगे। इस तरह से तेजस्वी यादव को 2025 के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के नेता के तौर पर देखा जाएगा लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस नहीं चाहती कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए।
कांग्रेस का सस्पेंस
महागठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई सहमति नहीं बन पाई। कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लवरू ने कहा कि इंडिया गठबंधन बिहार चुनावों में एकता और स्पष्टता के साथ चुनाव लड़ेगा लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे पर कोई जवाब नहीं दिया। तेजस्वी यादव ने इसे लेकर कहा कि महागठबंधन में कोई चिंता नहीं है और सब कुछ मिलकर तय किया जाएगा।
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस का मानना है कि अगर महागठबंधन तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करता है तो यह वोट बैंक में बिखराव का कारण बन सकता है। कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनावों की तरह इस चुनाव में भी किसी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए बिना चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। कांग्रेस चाहती है कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे बड़ी होगी, वही मुख्यमंत्री का चेहरा तय करे।
सीट वितरण पर असमंजस
महागठबंधन में सीट वितरण को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। कांग्रेस को 2015 के चुनावों में 70 सीटें मिली थीं लेकिन वह केवल 19 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। अब RJD कांग्रेस को कम सीटें देने की बात कर रहा है। कांग्रेस चाहती है कि सीटों का वितरण इस प्रकार हो ताकि उसके पास मुस्लिम-यादव समीकरण मजबूत हो।