Delhi Oxidation Plant: 85 करोड़ की बर्बादी या घोटाला? तिमारपुर प्लांट की हालत देख चौंके जल मंत्री

Delhi Oxidation Plant: दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने तिमारपुर स्थित ऑक्सीकरण प्लांट का औचक निरीक्षण किया और वहां की हालत देखकर हैरान रह गए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि जिस प्लांट पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने 85 करोड़ रुपये खर्च किए थे वह न तो पूरा हुआ है और न ही शुरू किया गया है। मंत्री ने साफ कहा कि यह एक बहुत बड़ा घोटाला हो सकता है और इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस मामले की जांच की जाए और जो भी जिम्मेदार हों उन पर कार्रवाई की जाए। प्लांट की जमीन के उचित उपयोग को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
प्लांट की हालत बेहद खराब, घास फूटी और काम ठप पड़ा
प्रवेश वर्मा ने बताया कि प्लांट की हालत देखकर साफ समझ आता है कि यह लंबे समय से किसी उपयोग में नहीं है। वहां घास उग आई है और पूरा ढांचा वीरान पड़ा है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े बजट के बाद भी यदि प्लांट अधूरा है तो इसका मतलब है कि कहीं न कहीं गड़बड़ जरूर हुई है। यह प्लांट वर्ष 2019 में यमुना स्वच्छता मिशन के तहत बनाया गया था जिसका मकसद तिमारपुर और आसपास के इलाकों से आने वाले गंदे पानी को साफ करके यमुना नदी में छोड़ना था जिससे नदी का प्रदूषण कम किया जा सके। लेकिन आज तक न तो यह चालू हो पाया है और न ही इसके लिए जरूरी मूलभूत सुविधाएं पूरी की गई हैं।
आज तिमारपुर ऑक्सीडेशन पोंड का निरीक्षण किया।
AAP सरकार ने 85 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। लेकिन ये प्रोजेक्ट आज तक शुरू भी नहीं हुआ, एक बूंद पानी तक ट्रीट नहीं हुआ।
यह भ्रष्टाचार की जीती-जागती मिसाल है। Outdated योजना थी जो बिना तकनीकी सोच के शुरू की गई। इसके लिए जांच के आदेश दिए… pic.twitter.com/CzHeeZkJh4— Parvesh Sahib Singh (@p_sahibsingh) April 20, 2025
मिशन मोड में काम कर रही सरकार, फिर भी लापरवाही बरकरार
दिल्ली सरकार इन दिनों यमुना नदी की सफाई को लेकर मिशन मोड में काम कर रही है। खुद जल मंत्री प्रवेश वर्मा और संबंधित अधिकारी लगातार दिल्ली के अलग-अलग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपनी तय क्षमता पर काम कर रहे हैं और पानी की सफाई मानकों के अनुसार हो रही है। लेकिन तिमारपुर प्लांट की स्थिति देखकर यह साफ हो गया है कि कुछ जगहों पर अब भी भारी लापरवाही है। एक तरफ सरकार यमुना को साफ करने में करोड़ों खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर पुराने तकनीक पर बनाए गए और अधूरे प्लांट जनता के पैसों की बर्बादी को दर्शा रहे हैं।
सरकार दे रही सख्त संदेश, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
प्रवेश वर्मा ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रही है। जो भी अधिकारी या ठेकेदार इस परियोजना की लापरवाही में शामिल पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की योजनाएं जनता की सेवा और पर्यावरण को बचाने के लिए होती हैं लेकिन यदि इन्हें अधूरा छोड़ दिया जाए या केवल कागजों पर ही पूरा दिखाया जाए तो यह जनता के साथ धोखा है। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि किसी को भी इस तरह की कोई और जानकारी हो तो वह सरकार को जरूर बताए ताकि ऐसे मामलों पर समय रहते कार्रवाई हो सके।