हरियाणा

पानी की किल्लत पर ‘प्यार भरे खत’! Surjewala का CM भगवंत मान और सैनी पर करारा हमला

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद Randeep Surjewala ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा-पंजाब जल विवाद को लेकर सरकारों पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा भीषण जल संकट से जूझ रहा है तब पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री केवल बयानबाजी और एक-दूसरे को ‘प्रेम पत्र’ लिखने में व्यस्त हैं। कभी दोनों चंडीगढ़ में गले मिलते हैं तो कभी फोटो खिंचवाते हैं लेकिन पानी की समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सुरजेवाला ने कहा कि आज हरियाणा को भाखड़ा से मिलने वाले 8500 क्यूसिक पानी के बजाय केवल 4500 क्यूसिक पानी मिल रहा है। यह हालात इतने खराब हैं कि पशुओं के लिए भी पानी नहीं बचा। इसका सीधा असर कपास की बुवाई पर पड़ेगा और भविष्य में उत्पादन भी प्रभावित होगा।

भाखड़ा डैम पर पंजाब का कब्जा और केंद्र की चुप्पी पर उठे सवाल

सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि पंजाब के मुख्यमंत्री सत्ता के नशे में चूर हैं और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी केंद्र से बात करने के बजाय केवल सर्वदलीय बैठक कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार भी इस मसले पर चुप्पी साधे बैठी है जबकि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) सीधे केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के अधीन आता है। 1 मई को पंजाब सरकार ने भाखड़ा डैम पर पुलिस तैनात कर उसे ‘लॉक’ कर दिया जो कि देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी राज्य ने केंद्र की परियोजना पर कब्जा कर लिया हो। सुरजेवाला ने पूछा कि जब सुरक्षा गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है तो BBMB चेयरमैन को CISF तैनाती के लिए पत्र क्यों लिखना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्रालय BBMB की बैठक बुला रहा है तो फिर केंद्रीय योजनाएं किसके आदेश से चलेंगी।

सुप्रीम कोर्ट जाने की बात समय बर्बाद करना है: सुरजेवाला

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहा है जबकि यह जिम्मेदारी सीधे-सीधे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की है। सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने में समय लगता है और जनता इस संकट में इंतजार नहीं कर सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी डैम में पर्याप्त पानी मौजूद है और जल स्तर 1506 फीट तक होने पर भी हरियाणा को पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने इस विवाद को आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस की संभावित जीत रोकने की एक साजिश करार दिया। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह मुद्दा जनता को आपस में लड़वाने की कोशिश नहीं है।

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केंद्रीय योजना पर राज्य का कब्जा, क्या यह नया नियम बन जाएगा?

सुरजेवाला ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से पूछा कि वे इस मामले पर बैठक क्यों नहीं बुला रहे। उन्होंने पूछा कि क्या BBMB केंद्र की संस्था नहीं है और क्या कोई राज्य केंद्र की योजना पर ‘लॉकडाउन’ लगा सकता है। उन्होंने पूछा कि CISF को भाखड़ा डैम की सुरक्षा के लिए क्यों तैनात नहीं किया जा रहा और हरियाणा को केवल आठ दिन के लिए ही पानी देने की बात क्यों की जा रही है। उन्होंने पूछा कि आखिर पंजाब को यह अधिकार किसने दिया कि वह हरियाणा के हिस्से का पानी रोक सके। सुरजेवाला ने इसे ‘नूरा कुश्ती’ करार देते हुए कहा कि यह सब आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है ताकि कांग्रेस को रोकने की साजिश पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो देश में अराजकता फैल जाएगी। उन्होंने दावा किया कि पंजाब की जनता अब कांग्रेस को सत्ता में लाना चाहती है इसलिए भाजपा और आप मिलकर कांग्रेस की राह रोकने के लिए ये चालें चल रहे हैं। संविधान के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारें इस पर सख्त निर्देश दे सकती हैं लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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