सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – बच्चों में चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से नगर की पुरानी अनाज मण्डी में वेदाचार्य दंडी स्वामी डा. निगमबोध तीर्थ महाराज के परम सानिध्य एवं बंधु सेवा संघ के तत्वाधान में चल रहे श्रीराम कृपा प्रेरणा उत्सव में शुक्रवार को स्कूली बच्चों के लिए विशेष सत्र लगाया गया। इस विशेष सत्र में कथावाचक पूज्यपाद श्री काद्मगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज व वेदाचार्य दंडी स्वामी डा. निगमबोध तीर्थ महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ।
इस विशेष सत्र में क्षेत्र के करीब आधा दर्जन स्कूलों के 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के करीब 1100 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वामी रामस्वरूपाचार्य महाराज ने कहा कि विद्यार्थी को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहने के साथ ही जीवन के सभी पहलुओं में पारदर्शिता रखनी चाहिए। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन होना बेहद जरूरी है। नियम तोडऩे से ही अनुशासनहीनता बढ़ती है तथा समाज में अव्यवस्था पैदा होती है और बच्चों का बड़े होकर अनुशासन सीखना कठिन है। अनुशासन का पाठ बचपन से परिवार व विद्यालय में रहकर सीखा जाता है। अच्छी शिक्षा विद्यार्थी को अनुशासन का पालन करना सिखाती है।
सच्चा अनुशासन ही मनुष्य को पशु से ऊपर उठाकर वास्तव में मानव बनता है। भय से अनुशासन का पालन करना सच्चा अनुशासन नहीं है। अनुशासन हमारी सामाजिक तथा राष्ट्रीय आवश्यकता है। विद्यार्थी विद्यालय में अनुशासित रहकर व शिक्षक का आदेश मानकर योग्य, चरित्रवान व आदर्श नागरिक बनता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने माता-पिता व गुरूओं का समर्पण भाव से सम्मान करना चाहिए। हमें अपने संतो के महापुरुषों के जीवन चरित्र को भलीभांति समझकर उनके आदर्शों पर चलना चाहिए।
हमें शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, महारानी लक्ष्मीबाई, गुरु नानक देव, गुरु गोविंद सिंह, संत कबीर, महावीर स्वामी, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस व स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर अपनी जीवन को आगे बढ़ाना है। बच्चों को श्रीराम जी की माता-पिता भक्ति, बंधुत्व, संयम, सदाचार, सरलता, उदारता, शरणागत वत्सलता व अन्य दिव्य गुणों को अपने जीवन में धारण करने का प्रयास करना चाहिए।
इस मौके पर बच्चों को हनुमान चालीसा व प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डा. नरेश वर्मा, विक्रम शर्मा, गुलाब सिंह किरोड़ीवाल, भगवान शर्मा, रेनू गर्ग, सुमन शर्मा, विजय शर्मा, साधु राम बंधु, रामेश्वर दास गुप्ता, श्रवण गोयल, सतपाल गुप्ता, अशोक शर्मा, अमित गौतम, ओमप्रकाश चोपड़ा, बिंदु मित्तल, सतीश गर्ग, परदेसी लाल गुप्ता, महावीर तायल, संजीव चोपड़ा, अरविंद शर्मा, साधुराम तायल, नरेश मंगला, राजू वालिया, नरेंद्र थनई, ईश्वर चंद्र कौशिक व परसराम वत्स सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
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