Haryana में मिला अवैध घुसपैठ का नेटवर्क? पलवल में पकड़े गए दर्जनों बांग्लादेशी

Haryana के पलवल जिले से शुक्रवार को एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पुलिस ने जिले के एक भट्ठे पर छापेमारी कर वहां से 59 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ये सभी लोग भारत में अवैध रूप से बिना किसी दस्तावेज के रह रहे थे। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि ये लोग भारत में कब और कैसे घुसे। साथ ही पुलिस इन लोगों से उनका नाम पता और अन्य जानकारी जुटा रही है ताकि इन्हें आगे कानूनी प्रक्रिया के तहत वापस बांग्लादेश भेजा जा सके।
भट्ठे पर मजदूरी कर रहे थे सभी लोग
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को एक ईंट भट्ठे पर छापेमारी की गई थी। यहां से कुल 59 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी थे। जब पुलिस ने इन लोगों से उनके दस्तावेज मांगे तो ये लोग वैध दस्तावेज दिखाने में असफल रहे। इसके बाद पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। जांच में यह बात सामने आई कि ये सभी लोग भट्ठे पर मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। इतना ही नहीं पुलिस को इनके पास से फर्जी पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं जो अवैध तरीके से बनाए गए थे। इन फर्जी दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है और अब इनकी भी जांच की जा रही है।
इंटेलिजेंस विभाग की सूचना पर हुई कार्रवाई
इस पूरे मामले में पुलिस को इंटेलिजेंस विभाग से पहले ही सूचना मिली थी जिसके आधार पर यह छापेमारी की गई। उटावड़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि इन सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि वे करीब 10 साल पहले बांग्लादेश से भारत में घुसे थे। तब से वे यहां मजदूरी करके जीवन चला रहे थे। पुलिस अब इन सभी लोगों के नाम, पता और पहचान से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इनमें से किसी का संबंध किसी संदिग्ध गतिविधि या गिरोह से तो नहीं है।
देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला
यह पूरा मामला न केवल कानून तोड़ने का है बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। अवैध रूप से भारत में रहना और बिना दस्तावेजों के नौकरी करना न सिर्फ कानूनन अपराध है बल्कि इससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता भी बढ़ती है। इन मामलों से यह सवाल भी उठता है कि इतने सालों तक ये लोग बिना पकड़े कैसे रह पाए और किन लोगों की मिलीभगत से उन्हें यहां रोजगार भी मिल गया। पुलिस की टीम अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि इन्हें काम पर किसने रखा और क्या किसी स्थानीय व्यक्ति की इसमें संलिप्तता है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि ऐसे मामलों की दोबारा पुनरावृत्ति न हो सके।