Faridabad News: 24 गांवों में अधूरी योजनाओं का खेल कब मिलेगा ग्रामीणों को राहत का असली जवाब

Faridabad News: ग्रेटर फरीदाबाद में शहरीकरण को बढ़ाने के लिए चार साल पहले 24 गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। इन गांवों की पंचायतों के पास 1100 करोड़ रुपये का फंड और हजारों करोड़ रुपये की बेशकीमती जमीन है। इसके बावजूद नगर निगम इन गांवों में एक भी विकास कार्य पूरा नहीं करा पाया। गांवों में सड़कों की हालत खराब है। गलियां गंदगी से भरी हैं और नालियां जाम पड़ी हैं। स्थानीय लोग छोटी-छोटी समस्याओं के लिए निगम के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पंचायत की जो योजनाएं पहले शुरू हुई थीं वो भी अब अधूरी पड़ी हैं।
मंत्री की नाराजगी के बाद जागे नगर निगम अधिकारी
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की थी। उनकी नाराजगी के बाद अब नगर निगम के अधिकारी हरकत में आए हैं। गांवों में सीवर और पीने के पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। इसके सर्वे का ठेका वेबकस कंपनी को दे दिया गया है। पहले चरण में करीब 378 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस योजना के जल्द पूरा होने से गांवों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी।
गांवों की हालत दयनीय नालियां जाम और सड़कें टूटी
इन 24 गांवों में टिकावली, सोतई, साहुपुरा, तिलपत, चंदावली, भूपानी, मच्छगढ़, फीरोजपुर माजरा, मुझैड़ी, बरौली, नचोली, प्रह्लादपुर माजरा, बादशाहपुर, भाटोला, पलवली, फरीदपुर, नवादा तिगांव, खेड़ी खुर्द, नीमका, खेड़ी कलां, मिर्जापुर, बिंदापुर, मलेरना और रिवाजपुर शामिल हैं। नीमका गांव में तो हालात इतने खराब हैं कि बारिश के समय पानी मुख्य सड़क पर भर जाता है। नालियां और गलियां साफ नहीं होतीं। नालों पर बने पुल जर्जर हो चुके हैं। खेड़ी कलां गांव के लोगों की शिकायत है कि पंचायत का पैसा नगर निगम ने ले लिया लेकिन अब तक गांव में कोई काम नहीं कराया गया।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश अब उम्मीद जगी
खाद्य मंत्री राजेश नागर इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कई बार निगम आयुक्त और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी। मंत्री की नाराजगी के बाद कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के अनुरोध पर नगर निगम के मुख्य अभियंता बीके कर्दम को सस्पेंड कर दिया गया। हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी इस बारे में जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने निगम अधिकारियों को सख्त शब्दों में विकास कार्य कराने के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा कि ये आदेश जमीन पर कब उतरते हैं और गांवों की तस्वीर बदलती है या नहीं। फिलहाल गांव वाले उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही उनके इलाके में भी विकास की रफ्तार नजर आएगी।