Odisha News: एंबुलेंस का दावा निकला खोखला! आठ किलोमीटर तक कंधे पर शव लेकर चला परिवार

Odisha News: ओडिशा के कंधमाल जिले से एक बेहद दर्दनाक और शर्मनाक घटना सामने आई है। जहां आज के समय में अस्पतालों में सारी सुविधाएं होने का दावा किया जाता है वहीं यह घटना बताती है कि असल ज़मीनी हालात कितने भयावह हैं। लोगों को आज भी इलाज और अंतिम यात्रा के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
गर्भवती महिला की मौत और तंत्र की असंवेदनशीलता
यह मामला कंधमाल जिले के दरिंगबाड़ी इलाके का है जहां कजुरी पडरी गांव की गर्भवती महिला सुनीमा प्रधान की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई लेकिन दुख की बात यह रही कि अस्पताल से शव घर तक ले जाने के लिए कोई गाड़ी तक नहीं मिली।
शव को कंधे पर ढोया गया आठ किलोमीटर
जब परिवार ने महिला के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस या कोई वाहन मांगा तो कोई सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई। मजबूर होकर परिवार और ग्रामीणों ने सुनीमा का शव अपने कंधों पर रखकर आठ किलोमीटर तक पैदल चलकर गांव पहुंचाया। यह मंजर देख हर कोई स्तब्ध रह गया।
2016 की घटना की याद फिर ताजा
यह घटना 2016 में कालाहांडी के दाना मांझी की याद दिला देती है जब उसने अपनी पत्नी का शव कंधे पर उठाकर 10 किलोमीटर तक पैदल चलकर गांव पहुंचाया था। उस समय भी देश और दुनिया ने भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए थे लेकिन लगता है किसी ने कोई सीख नहीं ली।
कब सुधरेगा सिस्टम
हर बार ऐसी घटनाएं होने के बाद प्रशासन बयान देता है और जांच की बात करता है लेकिन असल में ज़मीनी व्यवस्था जस की तस रहती है। कंधमाल की यह घटना फिर दिखा गई कि गरीब और आदिवासी इलाकों में आज भी इंसान को इंसान नहीं समझा जाता। कब बदलेगी ये तस्वीर यह सबसे बड़ा सवाल है।