सत्यखबर, फरीदाबाद, मनोज सूर्यवंशी
कोरोना के संभावित संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से घोषित लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को ठहरने व खाने-पीने की सुविधा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने जिले में 20 अस्थाई आश्रय स्थल बनाए हैं। इन आश्रय स्थलों में बिजली, पानी, शौचालय सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए इन आश्रय स्थलों में करीब 1 हजार 880 लोगों के रुकने की सुविधा उपलब्ध है। फिलहाल फरीदाबाद में तिलपत गांव के सरकारी स्कूल में 16 लोगों को ठहराया हुआ है जिन्हें रहने के साथ-साथ खाने-पीने के पूरी सुविधा दी जा रही है जिस पर ठहरे हुए प्रवासी मजदूरों ने भी प्रशासन की सुविधाओं का बार बार धन्यवाद किया।
आपको बता दें कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तिलपत में 100 लोगों की व्यवस्था है जिनके लिए स्कूल में ही अच्छी गुणवत्ता वाला खाना तैयार किया जा रहा है और स्कूल के अंदर ही शौचालय स्नानघर बिजली पानी सहित सारी सुविधाएं दी जा रही है जिस पर ठहरे हुए प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वह फरीदाबाद प्रशासन के द्वारा दी जा रही सभी सुविधाओं से पूरी तरह से संतुष्ट हैं और वह इस लॉक डाउन किया पालना करेंगे और जब तक घर नहीं जाएंगे तब तक पूरी तरह से लॉक डाउन समाप्त नहीं हो जाता मगर उन्हें परिवार की चिंता जरूर है क्योंकि उनका पूरा परिवार उन्हीं की मजदूरी से पलता है और फिलहाल वह अपने परिवार से बहुत दूर हैं ।
सराय खवाजा में बनाए गए आश्रय स्थल में 200 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। इसी प्रकार सेहतपुर विद्यालय में 100, पाली स्थित विद्यालय में 100, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 21डी में 100, राजकीय मिडल स्कूल बदरपुर सैद में 70, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी कला में 100, राजकीय मिडिल स्कूल सेक्टर 31 में 70, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मेवला महाराजपुर में 100 राजकीय विश्व माध्यमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद में 100, राजकीय मिडिल स्कूल में 70 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 100 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी-2 मेट्रो में 100, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीकरी में 100, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय झाड़सेंतली में 70 व राजकीय प्राइमरी स्कूल झाड़सेंतली में 30, राजकीय मिडिल स्कूल बापू नगर में 70, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय फरीदपुर में 100 तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भाकरी में 100 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इन सभी अस्थाई आश्रय स्थलों के लिए जिला शिक्षा अधिकारी सतविंदर कोर को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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