हरियाणा

शाहचौखा गांव में पीने के पानी को तरसे ग्रामीण

सत्यखबर, नूंह ( ऐ के बघेल )

Faridabad Crime: पैसे मांगने पर दुकानदार पर चढ़ा शराबियों का कहर, मामला पहुंचा पुलिस तक
Faridabad Crime: पानी के पैसे मांगने पर दुकानदार पर चढ़ा शराबियों का कहर, मामला पहुंचा पुलिस तक

पुन्हाना विधानसभा के बड़े गांवों में शुमार शाहचौखा गांव के लोग गर्मी की शुरुआत होते ही पानी की बूंद – बूंद को तरसने लगे हैं। ग्रामीण महिलाएं आज भी सिर पर मटका रखकर काफी दूर से पानी लाकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। उजीना ड्रेन और गुड़गांव कैनाल के बीच में बसे होने के साथ – साथ होडल – बड़कली मुख्य मार्ग पर यह गांव पड़ता है। बावजूद इसके गांव का जलस्तर खारा और गहरा होने की वजह से ग्रामीणों की परेशानी को बढ़ा रहा है। रैनीवेल परियोजना का पानी गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है। महिलाएं उजीना ड्रेन के साथ बने कुएं से गंदा पानी लाने को मजबूर हैं। दोपहर बाद कुएं से पानी भरकर लाने वाली महिलाओं की कतार लग जाती है। अभी तो गर्मी की शुरुआत है। चारों तरफ से नहरों से घिरे गांव शाहचौखा में पीने के पानी का अभी से ये आलम है तो भीषण गर्मी में लोगों की प्यास कैसे बुझेगी यह बड़ा सवाल है। जिला पार्षद मदीना बेगम शाहचौखा गांव से संबंध रखती हैं , खुद महिला हैं , लेकिन महिलाओं की दिक्कत की उन्हें परवाह नहीं है। वैसे बड़े – बड़े दावे करना औरमीडिया में सुर्ख़ियों में बने रहने का उन्हें खूब शौक है ,लेकिन हजारों महिलाओं की फ़िक्र जन प्रतिनिधियों से लेकर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तक किसी को नहीं है। गांव की आबादी 15 हजार के आसपास है। ज्यादातर लोग मुंबई – गुजरात में व्यवसाय करते हैं। महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या पानी की तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं है। देश – प्रदेश भले ही तरक्की की गाथा सुना रहा हो , लेकिन कुएं से पानी भरकर जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने वाली महिलाएं तो प्राचीनकाल की याद को जिन्दा कर रही हैं। सूबे की सरकार और खासकर इलाके के विधायक रहीस खान और गांव की ही पार्षद मदीना बेगम को इन तस्वीरों को जरा ध्यान से देखने की जरुरत है। ताकि महिलाओं की परेशानी का समय रहते समाधान हो सके।

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