सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – जातिभेद मिटाने की दिशा में अत्यंत सराहनीय प्रयासों के प्रति समर्पित सफीदों के अग्रवाल वैश्य समाज व बाल्मीकि समाज संपूर्ण समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत बने है। सफीदों में मनाई गई महर्षि वाल्मीकि जयंती व शोभायात्रा का मौका था। शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों का भ्रमण करती हुई जैसे ही नगर के रेलवे रोड़ पर पहुंची तो यहां पर अग्रवाल वैश्य समाज के पदाधिकारी पलक-पावडे बिछाए बैठे थे। शोभायात्रा के यहां पर पहुंचते ही प्रधान प्रवीन मित्तल की अगुवाई में अग्रबंधुओं ने बाल्मीकि समाज के लोगों का जोरदार स्वागत किया।
समाज के लोगों ने यात्रा के आगे जबरदस्त आतिशबाजी की और महर्षि बाल्मीकि पालकी के समक्ष शीश झुकाया। उसके बाद प्रसाद वितरण किया और यात्रा के साथ चल रहे वाल्मीकि समाज के वरिष्ठ लोगों, महिलाओं व बच्चों को जलपान करवाया। इस मौके पर दोनों समाजों के वरिष्ठ लोग सभी भेद मिटाकर गले मिले तथा महर्षि वाल्मीकि जयंती की बधाई दी। अग्रवाल वैश्य समाज द्वारा किए गए इस अद्भूत स्वागम कार्यक्रम के लिए वाल्मीकि समाज के लोगों ने आभार व्यक्त किया।
अपने संबोधन में प्रधान मित्तल ने कहा कि सामाजिक भाईचारे को मजबूत करने की दिशा में अग्रवाल वैश्य समाज ने प्रेरक भागीदारी अदा की है। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि परमात्मा ने ही मनुष्य शरीर की संरचना करने में भेदभाव नहीं किया है तो हम सांसारिक लोग उस हकीकत को कैसे नकार सकते है। महर्षि वाल्मीकि संस्कृत भाषा के आदिकवि और आदि काव्य रामायण के रचियिता थे।
इस मौके पर अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से प्रधान प्रवीन मित्तल, बिल्लू सिंगला, अशोक गोयल, संजीव बंसल, विजय मंगला, सतीश मंगला, रतन लाल गर्ग, अखिल गुप्ता, ललित मित्तल, अनिल दीवान, अभिषेक दीवान व वाल्मिकी समाज की ओर से प्रधान गौरी शंकर, सुनील लोट, संजय पारचा, देवराज, राजेंद्र बोहत, विनय पारचा, मा. पवन चौहान, नरेश अटवाल, रंधावा, दीपक कल्याण, अजय वाल्मीकि, दयानंद कल्याण, रोबिन वाल्मीकि मुख्य रूप से मौजूद थे।
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