सत्य खबर । चंडीगढ़
अब हरियाणा के अधिनियमों से पंजाब हटाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। जी हां, हरियाणा विधानसभा में एक विधेयक पास करके करीब 163 कानूनों से पंजाब का नाम हटाया जाएगा। इसी के मद्देनजर विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव विजय वर्धन और इस विषय में गठित कमेटी के साथ बैठक की थी।
आपको बता दें कि इस कमेटी की अध्यक्षता कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेम्ब्रेन्सर बिमलेश तंवर द्वारा की जा रही हैं। बैठक में इस मुद्दे पर काफी गंभीर चर्चा हुई। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि प्रदेश के अधिनियमों से पंजाब शब्द के स्थान पर हरियाणा करने में कोई भी कानूनी अड़चन आड़े नहीं आएगी। प्रदेश सरकार के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति के बाद अब इस संबंध में गठित की गई कमेटी अपना काम तेज करेगी। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर द्वारा बताया गया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त है।
जिसके तहत उसे अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी नया कानून बनाने तथा राज्य से संबंधित किसी भी कानून में संशोधन का पूर्ण अधिकार है। इतना ही नहीं बल्कि लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने ये भी स्पष्ट किया कि हरियाणा विधान सभा को किसी भी अधिनियम के शीर्षक तथा उपशीर्षक में संशोधन करने की भी शक्ति प्राप्त है। इसके साथ ही मुख्य सचिव विजय वर्धन ने बताया कि ऐसा करने में कोई प्रशासनिक बाधा भी नहीं है।
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