सत्य खबर । सिरसा
फर्जी मोबाइल सिम से ऑनलाइन ठगी का खेल डिंग मंडी एरिया में एक साल से चल रहा था। अलग-अलग गांवों के 11 युवक अपने ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों को पिछले एक साल में एक करोड़ रुपये से अधिक ठग चुके हैं। पुलिस ने गिरोह के 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनका लंबा-चौड़ा नेटवर्क है।
चार सदस्यीय गिरोह का मास्टरमाइंड रमेश कुमार है, जो सिर्फ 10वीं पास है। यह जलालाबाद से सिम लेकर आता था। इसने ही तीन को साथ जोड़कर एक साल पहले यह ठगी का धंधा शुरू किया था।
पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सीआईए पुलिस ने सबसे पहले डिंगमंडी एरिया में गिरोह के चार सदस्यों को काबू कर उनके कब्जे से अवैध 280 सिम, 11 मोबाइल फोन व एक लैपटॉप बरामद किया था।
आरोपियों की पहचान रमेश कुमार, विनोद कुमार निवासी मंडी, सुभाष व राजेश निवासियान गांव दैय्यड़ जिला फतेहाबाद के रूप में हुई है। उनसे पूछताछ करने के बाद धंधे में शामिल दूसरे बड़े गिरोह के 7 और आरोपियों का खुलासा हो गया। पुलिस ने देर शाम को दूसरे गिरोह के 7 आरोपी भी गिरफ्तार कर लिए, जिनमें सभी आरोपी डिंगमंडी के आसपास के गांव के रहने वाले हैं।
एसपी ने बताया कि अभी तक पुलिस जांच में सामने आया कि पकड़े गए सभी आरोपी विभिन्न कंपनियों के सिम जाली दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त करके उन मोबाइल सिमों के माध्यम से अमेजोन, धनी, पे-जैप जैसी ऑनलाइन कंपनियों द्वारा आमजन को नगद राशि के रूप में दिए जाने वाले लाभ को स्वंय प्राप्त कर ठगी करते थे।
दूसरी ओर ऑनलाइन ठगी में बुधवार देर शाम फिर डिंगमंडी एरिया से ऑनलाइन ठगी के दूसरे बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में संजय, अजय, विकास, संजय कुमार, हर्ष, गोबिंद, दर्शन शामिल है। सीआईए थाना प्रभारी ने बताया कि यह बड़ा गिरोह है।
ऑनलाइन ठगी में सबसे बुधवार को दिन में पकड़े गए चारों आरोपियों के तार देश के बड़े गिरोह से जुड़े होने की संभावना के चलते और उनके अन्य ठिकानों की तालाश में पुलिस ने उनको कोर्ट में पेश करके तीन दिन के रिमांड पर लिया है। अब सीआईए पुलिस चारों को गाजियाबाद, जलालाबाद, बीकानेर और दिल्ली लेकर गई है। यहां से मोबाइल फोन, जाली दस्तावेजों व अन्य सामान बरामद करना है। इसके अलावा ठगी गई राशि भी बरामद की जाएगी। सीआईए थाना प्रभारी नरेश शर्मा ने बताया कि जल्द ही इस मामले में बड़ी रिकवरी भी की जाएगी। हमारी टीमें लगी हुई है। यह बडा मामला नजर आ रहा है।
आरोपी खरीदी गई फर्जी सिम से ऑनलाइन फ्लिपकार्ड, अमेजोन व अन्य कंपनी के एप पर आईडी बनाते थे और महंगे सामान का ऑर्डर या कैश ट्रांजेक्शन करते हैं। एप पर एक नंबर से एक ही आईडी बनती है। उस एप पर ऑर्डर करने या ट्रांजेक्शन करने पर कैश बैक मिलता है। उसे फर्जी तरीके से लेते हैंं।
इसके अलावा महंगा सामान मंगवाकर सामान बदलकर वापस भेज देते हैं। बाद में उसे मार्केट में बेचकर पैसे कमाते हैं। कंपनी ऑर्डर वापस करने पर कैशबैक कर देती है। जिसे ये यूज कर जाते हैं। ये लोग अलग-अलग नाम की आईडी बनाते थे, जबकि ऑर्डर एक ही व्यक्ति का होता था। कोरियर वालों के साथ भी सेटिंग होती थी। यह जाल फतेहाबाद, मोहाली, सिरसा फैला है। बीते दिन ही मोहाली पुलिस ने फतेहाबाद के चार युवकों को पकड़ा था। ऑनलाइन कंपनियों को लूटने का धंधा असम से लाई गई सिम से होता था।
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