सत्य खबर, दिल्ली
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है। सरकार ने आज कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव किसानों को भेज दिया है। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। सरकार के प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए सिंघु बॉर्डर पर किसानों की चर्चा हो रही है।
‘कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे’
इससे पहले ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा था कि सरकार अगर संशोधन की बात कर रही है तो, हमारा जवाब साफ है। संशोधन नहीं बल्कि, कानून वापसी का लिखित भरोसा मिलेगा तो ही विचार करेंगे। सरकार की चिट्ठी हमें पॉजिटिव लगेगी तो कल मीटिंग कर सकते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार जो ड्राफ्ट भेजेगी, उस पर चर्चा के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है। उम्मीद है कि आज शाम 4-5 बजे तक स्थिति साफ हो जाएगी।
दोपहर 3 बजे कैबिनेट ब्रीफिंग
किसानों आंदोलन के बीच आज मोदी कैबिनेट की मीटिंग हुई। बताया जा रहा है कि कैबिनेट में कृषि कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि किसानों के मुद्दों पर भी जानकारी दी जा सकती है।
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