डिप्टी सीएम ने जिन-जिन जिलों में मनरेगा का कार्य गति नहीं पकड़ पाया है उनमें संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलबी की और प्रदेश के हर गांव में मनरेगा स्कीम के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाने के आदेश दिए। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं का स्टेटस जाना।
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दुष्यंत चौटाला ने मीटिंग के बाद बताया कि मनरेगा के तहत दिए गए टारगेट को विभाग ने इस बार समय से पहले ही पूरा कर लिया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए 140 लाख कार्य-दिवस निर्धारित किए गए थे जिनमें से 125 लाख कार्य-दिवस नवंबर 2020 तक ही पूरे कर लिए हैं जो कि कुल कार्य का 90 प्रतिशत है। पिछले वर्ष 2019-20 में मनरेगा के अंतर्गत करवाए जाने वाले काम के लिए 91.19 लाख कार्य-दिवस तय किए गए थे।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अधिकारियों को गरीबों के पशुओं के लिए मनरेगा के तहत बनाए जाने वाले कैटल-शैड बनाने में तेजी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कड़ाके की ठंड को देखते हुए इन कैटल-शैड को बनाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने 15 जनवरी 2021 तक 10 हजार शैड के निर्माण करवाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले पेंडिंग कार्यों को स्वीकृति के लिए मुख्यालय में एक सप्ताह तक भेज दें ताकि आगामी पंचायती-चुनाव के लिए लगने वाली आचार-संहिता से पूर्व इन कार्यों को शुरू किया जा सके।
– इन जिलों में चल रहे हैं धीमी गति से काम
उपमुख्यमंत्री ने जिन जिलों में धीमी गति से मनरेगा के काम हो रहे थे, उन जिलों के संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा। ऐसे जिलों में अंबाला, फरीदाबाद, दादरी, महेंद्रगढ़, पंचकुला, रेवाड़ी, सोनीपत आदि शामिल है।
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