सत्य खबर,जयपुर
आयकर विभाग ने जयपुर में एक सर्राफा फर्म व दो रियल एस्टेट डेवलपर्स के 31 ठिकानों पर छापे मारकर व सर्वे अभियान चलाकर 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित कमाई पकड़ी है। तीनों के ही यहां अपने मुख्य व्यापार के अलावा बड़े पैमाने पर नकद कर्ज देकर सूद के जरिये कमाई करने के भी सबूत मिले हैं।
आयकर विभाग के अनुसार जौहरी समूह कीमती पत्थरों, आभूषणों, प्राचीन वस्तुओं, हस्तशिल्प, कालीन, वस्त्र आदि के व्यवसाय में लगा हुआ है। इस कार्रवाई में ज्वैलरी व्यवसायी के घर पर आयकर विभाग को एक सुरंग मिली है, जिसमें 15 बोरे आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज मिले है। तलाशी अभियान के दौरान, एक गुप्त गुफा का पता चला। इस गुफा में पहुंचने पर सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले है। इस गुप्त कक्ष से 15 बोरे मिले है।
जौहरी समूह ने विभिन्न व्यक्तियों को बेहिसाब नकद ऋण दिया था, जिसकी राशि 122.67 करोड़ रुपए है। उसी पर बेहिसाब ब्याज भी कमाया है। समूह ने अपने कर्मचारियों और कारीगरों के बैंक खातों के माध्यम से इसे बेहिसाब नकद आय भी पेश की थी। समूह में अब तक 525 करोड़ रुपए के अघोषित लेनदेन का पता चला है। इसी तरह एक प्रमुख बिल्डर और कॉलोनाइजर पर आयकर पड़ताल में बेहिसाब रसीदें, अघोषित संपत्तियों की डिटेल, नकद ऋण और एडवांस के अलावा लेनदेन का रिकार्ड जब्त किया गया। इस समूह की कुल बेहिसाब लेनदेन 650 करोड़ रुपए विभाग ने आंका है।
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