देश कोरोना से दिन ब दिन संक्रमित हो रहा है। दिन ब दिन हालात बद से बत्तर होते जा रहे है। देश जिस ख़तरे मे है शायद ही इससे पहले था। जब कोरोना आया था तब भी नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय के हिसाब से जिस तरह से देश में वैक्सीनेशन प्रक्रिया हो रही है उस हिसाब से सिर्फ़ 5.5 दिन का स्टोक बचा हुआ है। एक और हफ्ते के सप्लाई के किए वैक्सीन पाइपलाइन में है। वैसे कोरोना की बढ़ती जा रही गति को देख यह बात बहोत ही चिंता जनक है।
आंध्र प्रदेश और बिहार को देखे तो यहां स्टोक 2 दिन से भी कम का है। ओडिशा के पास 4 दिन का स्टोक भी मुश्किल से है। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने उनको भेजे वैक्सीन के डोज़, जो डोज़ राज्य सरकार ने उपयोग में ले कर लिए है, जितने डोज पाइपलाइन में है और जितने राज्य सरकार औसतन डोज देती है सब के हिसाब से यह बात बताई है।
1 अप्रैल से 45 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। देखा जाए तो महाराष्ट्र वैक्सीन देने में सबसे आगे है। यहां रोज़ के औसतन 3.9 लाख डोज़ की खपत पाई गई है। ऐसे में जो 15 लाख डोज़ राज्य पास उपलब्ध है वह 4 दिन के लिए भी पर्याप्त नहीं है। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और ओडिशा में 4 दिन का स्टोक भी पर्याप्त मात्रा में नहीं है।
ऐसे में कोरोना को रोकने का एक जरिया भी बहोत तेज़ी से कम हो रहा है।
Aluminum metal scrap Aluminium recycling innovation trends Metal wastage