सत्य खबर, पलवल, मुकेश कुमार
हरियाणा में सफाई कर्मचारियों की काम के दौरान होने वाली मौत को देखते हुए हरियाणा के सफाई कर्मचारी आयोग ने सेंसर आधारित दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। यह प्रोजेक्ट रेवाड़ी और गुरुग्राम में स्थापित किए गए हैं। इन दो परियोजनाओं की सफलता को देखते हुए अब प्रदेश के दूसरे जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से यह प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।
आयोग के चेयरमैन कृष्ण कुमार नेआज पलवल विश्राम गृह में प्रैस वार्ता की। इस दौरान उन्होंनें कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां सीवर कर्मियों की सुरक्षा के लिए इस प्रकार के आधुनिक निवारक उपाय लागू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी का समय है और इसका समुचित उपयोग कर न केवल सीवर की सफाई के दौरान होने वाले हादसों में अंकुश लगाया जा सकता है बल्कि सीवर की बेहतर साफ सफाई भी सुनिश्चित की जा सकती है।
प्रदेश में ठेकेदारों द्वारा पांच से सात महीनों से नियुक्त सफाई कर्मचारियों को हटाया नहीं जाएगा। सफाई कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों की समस्या के प्रति गंभीर है।
प्रदेश में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के वेतन में बढोत्तरी की गई है। कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक के माध्यम से उनके खातों में जमा करवाया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के हितों के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाऐं चलाई जा रही है।
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