सत्यखबर, बहादुरगढ़
किसान आंदोलन स्थल पर बीती देर रात कसार गांव के मुकेश नामक व्यक्ति को जला कर मारने के मामले में शासन व प्रशासन से मांग पूरी न होते देख आक्रोशित परिजन व ग्रामीण सडक़ पर उतर आए। बहादुरगढ़ के सामान्य अस्पताल में मृतक मुकेश के शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद परिजनों के साथ मिलकर ग्रामीण मृतक मुकेश के शव को अस्पताल के सामने ही सडक़ पर ले आए। यहां उन्होंने मृतक के शव को सडक़ के बीचों बीच रखकर नेशनल हाईवे जाम कर दिया। आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों की मांग थी कि जब तक मृतक परिवार को सुरक्षा की गारन्टी, उचित मुआवजा व सरकारी नौकरी दिए जाने का आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक वह सडक़ से नहीं हटेंगे। हांलाकि इससे पूर्व सामान्य अस्पताल में डीएसपी पवन कुमार ने ग्रामीणों व मृतक के परिजनों को समझा.बुझाकर शव को ले जाने व उसका संस्कार करने की बात कही थी।
लेकिन ग्रामीण और मृतक परिवार के लोग नहीं माने और वह मृतक मुकेश के शव को शहर के नेशनल हाईवे की सडक़ पर ले आए और शव को सडक़ के बीचों बीच रखकर जाम लगा दिया। जाम लगाए जाने के दौरान वाहनों की सडक़ पर लंबी कतार लग गई। स्थिति गंभीर होते देख पुलिस ने शहर से गुजरने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते से निकाला। वहीं गांव के कार्यवाहक सरपंच टोनी ने बताया कि आंदोलन में शामिल किसानों की वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका यह भी कहना था कि गांव के खेतों में भी किसान आंदोलनकारी शौच के लिए आते हैं । जिसकी वजह से महिलाओं ने जाना बंद कर दिया है। इतना ही नहीं गांव की गलियों में आंदोलनकारी आते-जाते हैं। इसलिए उन्होंने आंदोलनकारी किसानों को गांव से दूर कहीं ओर बैठाने की गुहार प्रशासन से लगाई है।
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