सत्यखबर, चण्डीगढ़
जहां समय के साथ हर काम का तरीका बदल रहा है। वहीं हर वस्तु का विकल्प भी तलाशा जा रहा है। इसी कड़ी में अब किसानों को यूरिया खाद की नैनो तरल यूरिया का निर्माण किया गया है। इफ को के गुजरात स्थित इफ को कलोल संयंत्र से नैनो तरल यूरिया का ट्रक रवाना हो चुका है। जो तीन दिनों तक करनाल पहुंचेगा।
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किसान पहली बार तरल यूरिया का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसकी खास बात यह है कि यह पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है। दावा किया गया है कि इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार 8 प्रतिशत तक बढ़ती है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। एक बोरी यूरिया की जगह आधे लीटर की नैनो यूरिया की बोतल किसानों के लिए काफ ी होगी। जिससे यूरिया से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से बचाव हो सकेगा। जहां परंपरागत यूरिया की कार्यक्षमता 30 से 35 प्रतिशत है। वहीं इस नैनो तरल यूरिया की कार्यक्षमता 85 से 90 प्रतिशत है। नैनो यूरिया तरल की बोतल 240 रुपये में किसानों को बिक्री की जाएगी जो यूरिया की एक बोरी से 10 फीसदी सस्ती है।
नैनो यूरिया का मतलब यह है कि इसे बहुत छोटे आकार में ज्यादा क्षमता के साथ तैयार किया गया है। इसके 500 मिलीलीटर की एक बोतल में 40000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है। यह सामान्य यूरिया की एक बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा। इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी। नैनो तरल यूरिया का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है। इसके परिवहन और भंडारण में भी बहुत कम लागत आती है।
कृषि विभाग के मुताबिक हर जिले में यूरिया खाद का वितरण विभिन्न जगहों पर पैक्सों से किया जाता है। यूरिया की बोरी की तरह भी इन सेंटरों के माध्यम से नैनो तरल यूरिया का वितरण किया जाएगा।
वहीं जानकारी देते हुए इफ को के क्षेत्रीय प्रबंधक डा. निरंजन सिंह ने बताया कि 500 मिली लीटर नैनो यूरिया तरल की बोतल 240 रुपये में किसानों को बिक्री की जाएगी। नैनो यूरिया इफको किसान सेवा केंद्रों व सहकारी समिति व इफको बाजार पर जल्द उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद पूरे हरियाणा राज्य में इस नैनो यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी जाएगी।
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