सत्यखबर, दिल्ली
बकरीद का त्यौहार 21 जुलाई को मनाया जायेगा, जिसके बाद बकरों पर कुर्बानी की रस्म अदा की जायेगी. ऐसे में इस साल बकरे के दामों ने आसमान छू लिया है. लॉकडाउन के बाद से आम लोगों के जीवन के साथ-साथ त्यौहार पर भी खासा असर देखने को मिल रहा है. बकरीद के त्यौहार पर बकरों की कुर्बानी दी जाती है. लेकिन त्यौहार में महज एक दिन शेष रह जाने के बाद भी लोग बकरे खरीदने में आनाकानी करते हुए नज़र आ रहे हैं.
जिसका कारण बकरों के दाम अधिक होना बताया जा रहा है. बकरों के दाम ज्यादा होने के कारण लोग बकरे बहुत ही कम खरीदते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं, आगरा के मीरा हुसैनी पर बकरा मंडी में बकरे बहुत अधिक मात्रा में है, लेकिन खरीददार बकरों के बहुत कम पैसे लगा रहे हैं. अगर बात की जाए मंडी में सबसे ज्यादा दाम के बकरे की तो सबसे ज्यादा दाम का बकरा 3.50 लाख रुपए का है और सबसे सस्ते बकरे की कीमत 12 हजार रुपए है.
एक बकरा विक्रेता के मुताबिक लोग बकरे खरीदने आ रहे हैं, लेकिन देखकर और उनकी कीमत सुनकर वापस चले जाते हैं. इन बकरों को बेचने के लिए हम कोई मुनाफा भी नहीं कमा रहे हैं, सिर्फ चाहते हैं इन बकरों को पालने में हमारा जो खर्चा हुआ है, वही मिल जाये.
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वहीं दूसरे विक्रेता ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से बहुत लोगों की आर्थिक स्थित सही नहीं है. सिर्फ रिवाज़ को कायम रखने के लिए लोग कुर्बानी कर रहे हैं. जो लोग हर साल 4 से 5 बकरों पर कुर्बानी करते थे, वह इस साल सिर्फ एक ही बकरा खरीद रहे हैं. ऐसे में बकरों की महंगाई ने बकरीद त्यौहार को फीका कर दिया है।
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